आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में आयोजित किए जा रहे लक्ष्मीनारायण मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का समापन भजन गायन के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रख्यात गायिका मैथिली ठाकुर ने अपने समूह के साथ सूमधुर भजनों की प्रस्तुत दी। कार्यक्रम की शुरुआत मैथिली ठाकुर ने गीत “गौरी गणेश मनाऊं आज सुद लीजे हमारी…” की प्रस्तुति से की। इसके बाद माहौल को आध्यात्मिक रूप देते हुए उन्होंने अपनी अगली पेशकश में “सजा दो घर को गुलशन सा…” गीत को पेश किया। सुमधुर भजनों की पेशकश में उन्होंने राम और कृष्ण पर भजनों को प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने अन्य गीतों में “राम जी से पीछे…”, “श्रीराम को देख कर जनक नंदनी…” “तुम उठो सिया श्रृंगार करो…” की प्रस्तुति दी गई।
इससे पहले सुबह के सत्र में गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के फैकल्टीज के साथ बातचीत सत्र आयोजित हुआ। इस दौरान उनसे जीवन के पहलुओं समेत शिक्षा व्यवस्था इत्यादि पर कई सवाल पूछे गए। इसमें अंग्रेजी भाषा सीखने की बात पर शंकराचार्य जी ने कहा कि व्यक्तित्व पर भाषा का प्रभाव पड़ता है। भाषा के साथ उसकी संस्कृति भी व्यक्तित्व में समाहित होती है, इसलिए आवश्यक है कि हर भारतीय अपनी हिंदी एवं संस्कृत भाषा से जुड़ाव बनाकर रखे। आज लोग अपनी भाषा, संस्कृति, ज्ञान परंपरा और अध्यात्म से दूर हो रहे हैं। इसका प्रभाव समाज में दिखाई देने लगा है। पहले बड़ी संख्या में संयुक्त परिवार हुआ करते थे, अब परिवार छोटे होने लगे हैं। छोटे परिवार होने के दुष्परिणाम अलग तरह से सामने आते हैं।