सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क– इंटीग्रेटेड ट्रेड– न्यूज़ भोपाल: सिद्धार्थ कुमार तिवारी बड़े-बड़े माइथोलॉजिकल शो के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर हैं। वो स्वास्तिक प्रोडक्शन हाउस के मालिक भी हैं। उन्हें महाभारत, सूर्यपुत्र कर्ण, राम सिया के लव कुश और राधा-कृष्णा जैसे शोज के लिए जाना जाता है। सिद्धार्थ के पिता नहीं चाहते थे कि वे डायरेक्टर बनें। इस बात को लेकर दोनों में लंबे वक्त तक अनबन रही। मुंबई आए तो खाने-रहने की परेशानी हुई। खर्च चलाने के लिए घूम-घूमकर मैगजीन बेचनी पड़ी। शुरुआत में किसी ने भरोसा नहीं जताया कि वो शो डायरेक्ट कर सकते हैं। जब पहला शो बनाया तो उसमें 1.5 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा।
परिवार डायरेक्टर बनने के खिलाफ था
बातचीत की शुरुआत बचपन के दिनों से करते हुए सिद्धार्थ ने कहा, ‘मेरा जन्म कोलकाता में एक लोअर मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। पापा सेंट जेवियर कॉलेज में अकाउंट्स के प्रोफेसर थे। 20-22 लोगों का परिवार एक साथ रहता था। घर में सिर्फ पापा कमाने वाले थे। किसी को किसी चीज की कमी ना हो इसलिए वो कॉलेज के बाद घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे।
हम चारों भाइयों की जरूरतों को उन्होंने पूरा किया, लेकिन उतना ही जितनी जरूरत हो। मैं छोटा था, तो हर बार नए कपड़े नहीं मिलते थे। उतरन ही पहनता था।
मेरी पढ़ाई सेंट जेवियर स्कूल में हुई थी। बचपन से ही मुझे फिल्मों का चस्का लग गया था। पहला ख्वाब ही मैंने डायरेक्टर बनने का देखा था, लेकिन परिवार में फिल्में देखने की छूट नहीं थी। 7वीं से क्लास बंक कर फिल्में देखने जाता था।
उस वक्त फिल्म इंडस्ट्री में काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। मेरे परिवार की भी यही सोच थी। जब मैंने पापा को डायरेक्टर बनने वाली बात बताई, तो उन्होंने साफ मना कर दिया था। उनके इनकार के बाद भी मैं खुद को फिल्मों से दूर नहीं कर पाया। अभी भी सबसे बड़ी दिक्कत थी कि मुंबई कैसे पहुंचा जाए।
तब मैंने पढ़ाई का बहाना बनाकर पुणे के सिम्बायोसिस कॉलेज में मास कम्युनिकेशन में एडमिशन ले लिया। यहां से मास्टर करने के बाद सपनों की नगरी मुंबई आना हुआ।’