आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: टीम इंडिया मिशन वनडे वर्ल्ड कप के लिए तैयार है। भारत ने एशिया कप जीतकर सबसे बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए अपने इरादे साफ कर दिए हैं। इस टूर्नामेंट में मैनेजमेंट में उन सवालों के जवाब तलाशे जो टीम को लम्बे समय से परेशान कर रहे थे।

टॉप ऑर्डर फॉर्म में हैं, नंबर-4 और मिडिल ऑर्डर पोजिशन पर केएल राहुल, ईशान किशन के साथ श्रेयस अय्यर भी तैयार हैं। गेंदबाज पावरप्ले के साथ मिडिल ओवर्स में भी विकेट ले रहे हैं। टीम ने नॉकआउट स्टेज में चोक होने के सिलसिले को भी तोड़ दिया है।

ऐसे ही 6 फैक्टर्स इस स्टोरी में हम जानेंगे, जो भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनने का सबसे मजबूत दावेदार बना रहे हैं…

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फैक्टर-1: सभी तेज गेंदबाज रिदम में

एशिया कप से पहले बड़ा सवाल था कि जसप्रीत बुमराह इंजरी के बाद खुद को साबित कर पाएंगे या नहीं। मोहम्मद सिराज कहीं अकेले तो नहीं पड़ जाएंगे। और क्या मोहम्मद शमी की जगह शार्दूल ठाकुर को प्लेइंग-11 में मौका देना ठीक रहेगा।

बुमराह ने चोट के बाद शानदार वापसी की। पाकिस्तान के खिलाफ सुपर-4 स्टेज में पहली बार वनडे में बॉलिंग की। टीम को शानदार शुरुआत दिलाते हुए उन्होंने एक विकेट भी निकाला। फिर श्रीलंका के खिलाफ सुपर-4 और फाइनल दोनों ही मुकाबलों में भारत को पहला विकेट दिलाया।

सिराज ने बुमराह का बखूबी साथ निभाया। फाइनल में तो उनके 6 विकेट ने श्रीलंका का सफाया कर दिया। उन्होंने विपक्षी टीम के बैटर्स पर दबाव बनाया और उन्हें रन बनाने से रोके रखा। सिराज ने टूर्नामेंट में भारत से सबसे ज्यादा 10 विकेट लिए।

शार्दूल को टीम ने तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में यूज किया। उन्होंने पाकिस्तान और नेपाल के खिलाफ एक-एक विकेट लिया। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में 3 अहम विकेट लिए, उन्होंने हर बार मुश्किल सिचुएशन में विकेट निकाले।

फैक्टर-2: मिडिल ओवर्स में विकेट टेकिंग बॉलर्स

टीम इंडिया शुरुआती 10 ओवरों में तो विकेट निकाल कर दबाव बना रही थी, लेकिन मिडिल ओवर्स में गेंदबाज कुछ ज्यादा ही रन लुटा रहे थे। एशिया कप में इस समस्या को कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा के साथ हार्दिक पंड्या की बॉलिंग ने भी सॉल्व कर दिया।

कुलदीप ने एशिया कप के 4 मैचों में बॉलिंग की। नेपाल के खिलाफ उन्हें कोई विकेट नहीं मिला और फाइनल में वह एक ही ओवर फेंक सके। पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने बाकी 2 मैचों में 5 और 4 विकेट लिए। वह मिडिल ओवर्स में एक बार फिर टीम के ट्रम्प कार्ड बनकर उभरे।

जडेजा ने ज्यादातर स्पिन पिचों का फायदा उठाया। नेपाल के खिलाफ उन्होंने 40 रन देकर 3 विकेट लिए। वहीं श्रीलंका के खिलाफ सुपर-4 के अहम मुकाबले में उन्होंने 10 ओवर में महज 33 रन दिए और 2 बड़े विकेट भी निकाले।

हार्दिक ने फाइनल में 3 ही रन देकर 3 विकेट झटक लिए। उन्होंने सुपर-4 स्टेज में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ भी टाइट बॉलिंग की। हार्दिक ने बेहद किफायती गेंदबाजी की, जिस कारण विपक्षी टीम पर लगातार दबाव बढ़ता ही गया।