आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी और युवा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता गौरव त्रिपाठी ने संयुक्त पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश में हाल ही में कर्मचारी चयन बोर्ड ( व्यापम ) द्वारा आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई घोटाले को लेकर भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मंत्री और नेताओं पर परीक्षा में घोटाले के आरोप लगाए और कहा कि पूर्व में ब्लैकलिस्टेड हो चुकी कम्पनियों के संचालक नये नाम से कम्पनी बनाकर अधिकारियों से सांठगांठ कर ठैका प्राप्त कर लेते हैं
विवेक त्रिपाठी ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा शुरुआत से विवादों में रही है जब ये परीक्षा चल रही थी तब एक एग्जाम सॉल्वर गैंग पकड़ी गई थी उसके बाद भी परीक्षा चयन बोर्ड द्वारा परीक्षा का संचालन जारी रखा गया 7 जुलाई और 11 जुलाई 2023 को हमारे साथी गौरव त्रिपाठी ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी परन्तु विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव का कहना हैं कि हमारे संज्ञान में कोई शिकायत नहीं आई है परीक्षा नियंत्रक हेमलता का कहना हैं कि शिकायत आई थी जांच करवा ली गई है लेकिन कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा उसके बावजूद भी परीक्षा का आयोजन जारी रखा जिससे स्पष्ट होता हैं कि इसमें भाजपा के कई मंत्री विधायक और भाजपा नेता के साथ साथ कर्मचारी चयन बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी संलिप्त हैं पटवारी भर्ती को लेकर गृहमंत्री का कहना हैं कि बेबुनियाद आरोप हैं विवेक त्रिपाठी ने कहा कि पहले हुए व्यापम घोटाले के समय भी आपका यही बयान था त्रिपाठी ने निम्न बिंदुओं पर पत्रकारवार्ता को संबोधित किया
पटवारी रिजल्ट के साथ TOP 10 लिस्ट व मेरिट लिस्ट जारी नहीं कि गयी। 8 दिन बाद ये सारी लिस्ट जारी की गई। उसमे स्पष्ट घोटाला दिखाई दे रहा है। TOP 10 में से 07 स्टूडेंट्स ग्वालियर के NRI कॉलेज से हैं जिनके अलावा लगभग 1000 स्टूडेंट भी NRI कॉलेज से हैं। एवं अधिकतम लोगों ने हिंदी में सिग्नेचर किये हैं जो कि मामले को अधिक संदिग्ध बनाता है
ESB की भर्ती परीक्षाओं में नियम है कि अभ्यर्थी फॉर्म भरते समय 03 महीने के अंतर्गत का upadated फ़ोटो लगा सकता है लेकिन पटवारी भर्ती में कई अभ्यर्थियों ने 03 वर्ष पुराना फ़ोटो लगाया है। उसका फॉर्म क्यों रिजेक्ट नहीं किया गया।