आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण की दिशा में और भारत सरकार के नए भारत के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तरीय प्रतिष्ठानों में पुनर्विकसित करने का काम देश भर में तेजी से किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री द्वारा दिनांक 06 अगस्त 2023 को वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत एक साथ 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास होने जा रहा है। जिसमें मध्यप्रदेश के 80 से अधिक स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास किया जायेगा।
यह जानकारी आज डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी नें मंडल कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकारों को दी।
त्रिपाठी नें बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना‘‘ के अंतर्गत भोपाल मंडल के कुल 11 स्टेशनों का चयन किया गया है। जिसमें इटारसी जंक्शन, गुना, गंजबासौदा, संत हिरदारामनगर, ब्यावरा राजगढ़, शिवपुरी, रुठियाई, बानापुरा, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा स्टेशन शामिल हैं। भोपाल मंडल के इन 11 स्टेशनों पर कुल 235.2 करोड़ की लागत से उन्नयन कार्य किये जाने हैं।
इस योजना के अंतर्गत चयनित स्टेशनों में स्टेशन भवन का सुधार और स्थानीय कला तथा संस्कृति के तत्व का समावेश करते हुए सौंदर्यीकरण किया जाएगा साथ ही सर्कुलेटिंग एरिया और आगमन/प्रस्थान बिल्डिंग का भी पुनर्विकास किया जाएगा। जिनमें स्टेशन पहुंच मार्ग के लिए नई सड़कें, पैदल पथ, पार्किंग तथा सुगम यातायात की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नियोजित सुविधाओं में अवांछित संरचनाओं को हटाकर रेलवे स्टेशनों तक सुचारू पहुंच, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, बेहतर परिसंचारी क्षेत्र, उन्नत पार्किंग स्थान, दिव्यांगजन अनुकूल बुनियादी ढांचा, हरित ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण के अनुकूल भवन आदि शामिल हैं।
स्टेशन डिजाइन के मानक तत्वों में होंगेः-
• स्टेशनों को ‘सिटी सेंटर’ के रूप में विकसित करना।
शहर के दोनों किनारों का एकीकरण।
स्टेशन भवनों में सुधार/पुनर्विकास।
• अच्छी तरह से डिजाइन की गई आधुनिक यात्री सुविधाओं का प्रावधान।
• अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया यातायात परिसंचरण और अंतर-मॉडल एकीकरण।
• यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए समान और अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए संकेत।
• मास्टर प्लान में उपयुक्त संपत्ति विकास का प्रावधान।
• भूनिर्माण, स्थानीय कला और संस्कृति।