आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में जलवायु परिवर्तन के प्रति समाज के लोगों को जागरुक करने हेतु स्टेट्स लार्जेस्ट क्लाइमेट क्लॉक एसेंबली एवं डिस्प्ले इवेंट का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सोलर एनर्जी के ब्रांड एंबेसडर और सोलर मैन ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध. चेतन सिंह सोलंकी, डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी साइंस एंड इंजीनियरिंग इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मुंबई बतौर मुख्य वक्ता के रुप में उपस्थित रहे। क्लाइमेट क्लॉक एसेंबली इवेंट के तहत कार्यक्रम में उद्योग जगत, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालय, अस्पताल सहित अन्य संस्थाओं ने भाग लिया। प्रतिभागियों को क्लॉक के पार्ट्स दिए गए जिसे प्रतिभागियों ने ही असेंबल किया। इस दौरान उन्हें असेंबल करने के दिशा निर्देश दिए गए। इस दौरान 40 क्लाईमेट क्लॉक असेंबल की गई।
कार्यक्रम में चेतन सिंह सोलंकी ने अपना सत्र छात्रों को आश्चर्यचकित प्राणायाम करवा कर प्रारंभ किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का मुद्दा इतना गंभीर है कि छोटे से प्रयास से हल नहीं होने वाला है इसीलिए मैंने 11 साल डेडीकेटेड होकर इस दिशा में प्रयास प्रारंभ किया है। अब आप सबका साथ चाहिए। आगे उन्होंने बताया कि उड़ीसा के सात भाया गांव अब समुद्र में समा चुके हैं। यहीं से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना भयावह रूप ले रहा है। क्लाइमेट क्यों चेंज हो रहा है इसका एक ही कारण है एनर्जी का उपयोग। वर्ष 1850 से उद्योग आए तब से बदलाव आने लगे। एनर्जी के रूप में हम 85% कोयला और गैस का उपयोग करते हैं। आप दैनिक जीवन में जितनी भी वस्तुएं इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें बनाने में बहुत सारे संसाधन का प्रयोग होता है और उन संसाधनों को बनाने और लाने में जो एनर्जी यूज होती है वही पर्यावरण को तहस-नहस कर रही है। क्लाइमेट सही करने के लिए कार्बन एमिशन को कम करना होगा तभी क्लाइमेट सही हो पाएगा। हमें तुरंत ही इस कदम को उठाना पड़ेगा साथ ही जीवन चलाने के लिए अल्टरनेट एनर्जी का उपयोग करना पड़ेगा। आपके जीवन का अस्तित्व ही सोलर ऊर्जा है। हर क्षण आप इसका उपयोग करते हैं। ऊर्जा का उपयोग कम करें। भारत को सुपर पावर बनाने के लिए नेचुरल एनर्जी पे फोकस करना पड़ेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथिओमप्रकाश सकलेचा मंत्री, सूक्ष्म, लघु, मध्यम और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मध्यप्रदेश शासन ने बताया कि कितना उपयोग क्यों उपयोग और कितना जरूरी है इस पर हमें मंथन करना होगा हमें हमारे पूर्वजों का अनुकरण करना पड़ेगा वह बहुत बैलेंस कर के चलते थे नेचुरल एनर्जी पर ही उनका मुख्य फोकस था इसीलिए उस समय जलवायु परिवर्तन का कोई भी इंपैक्ट नहीं था।