आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत शीर्ष संस्थान पंडित सुंदरलाल शर्मा केन्द्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान (पीएसएससीआईवीई) भोपाल में जी-20 शिक्षा और कौशल विकास कार्य समूह की बैठकों की तैयारी में जन भागीदारी गतिविधियों के लिए पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें “भविष्य के लिए कौशल विकास भविष्य की नौकरियों के लिए मार्ग बनाना” विषय पैनल चर्चा के दौरान तकनीकी प्रगति की गति को देखते हुएभविष्यि के श्रम बाजार में प्रासंगिक बने रहने के लिए व्यनक्ति अपने करियर के दौरान लगातार खुद को कैसे उन्नित और पुन: कुशल बना सकते हैं | इसका जवाब देते हुए क्रिस्पे के प्रबंध निदेशक श्रीकांत बी. पाटिल ने कहा कि कौशल पारिस्थितिकी तंत्र की आकांक्षातथा उपलब्ध बुनियादी ढांचाबाजार से मांग है। हमारे पास सही जनसांख्यिकीय लाभांश है।उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण आज समस्त देशवासियों का एकजुट संकल्प है। यह समय की मांग भी है, क्योंकि तेजी से बदलती हुई इस दुनिया में अनेक सेक्टरों में बहुत बड़ी संख्या में कुशल और प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है। हमारे युवा और ऊर्जावान देश के लिए यह एक बड़ा अवसर है। मौजूदा चुनौतियों में अपने हुनर को नया आयाम देकर युवा आत्मनिर्भर भारत की बहुत बड़ी शक्ति बन सकते हैं। प्रासंगिक बने रहने के लिए स्किल, री-स्किल और अप-स्किल पर विशेष बल देना आवश्यक है। ऐसे में कौशल और प्रशिक्षण के कार्य में लगे कौशलाचार्यों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। संस्थान के संयुक्त निदेशक दीपक पालीवाल ने कहा कि संस्थान व्यवसायिक शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है। संस्थान भविष्य में फ्यूचर स्किल जॉब रोल्स पर भी कार्य करेगा। वही,कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर विनय स्वरूप मेहरोत्रा द्वारा प्रतिभागियों के सवालों के संतोषजनक जवाब दिए।भविष्य के कौशल और मांगों की पहचान कर कार्य करने की जरूरत: प्रो. खंबायत
एनआईटीटीटीआर के प्रोफेसर एवं पीएसएससीआईवीई के पूर्व संयुक्त् निदेशक राजेश पुं. खंबायतने कहा कि यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार, आज 80% व्यवसायों को कौशल की आवश्यकता है। समय के अनुसार आज मांगें बदल रही हैं, स्किल सेट बदल रहे हैं इसलिए सेक्ट्र स्किल काउंसिल तथा कौशल की गतिशीलता महत्वपूर्ण है। उन्होंसने कहा कि भविष्य के कौशल और मांगों की पहचान कर हमें उसपर कार्य करने की जरूरत है। युवाओं को जॉब क्रिएटर बनाएं: त्रिपाठी सरकार के वरिष्ठ नीति सलाहकार अवनीश त्रिपाठी ने कहा कि मौजूद व्यासवसायिक शिक्षा में नवाचार की जरूरत है। हमें वैश्विक मांग के अनुसार बच्चोंठ को स्किल्डर बनाना होगा। उन्हों ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि मानव संसाधन को हम इस तरह स्की ल करें कि वह स्टांर्टअप की शुरुआत कर स्वकयं जॉब क्रिएटर बन सके। पैनल चर्चा के दौरान एचआर-टैफे मंडीदीपके उप महाप्रबंधकपार्थ सारथी बसु ने कहा कि 2025 तक कर्मचारियों के मौजूदा कौशल 44% तक बदल जाएगा। कार्यबल को बदलना असंभव है, इसलिए कार्यबल को पुनर्कौशल करने की जरूरत है। उन्हों ने कहा कि अब हम उद्योग 5.0 में हैं जो मेटावर्स है। हम बहुत सारी मशीन लर्निंग और मशीन उत्पादन चला रहे हैं तथा पारस्परिक कौशलप्रबंधक, कर्मचारीमहामारी की स्थिति में हाइब्रिड सिस्टम में स्थानांतरित हो चुके हैं।