रणजी…ईरानी…और इंडिया-ए में दमदार प्रदर्शन के बाद कुलदीप सेन न्यूजीलैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में चुने गए हैं। न्यूजीलैंड की तेज और बाउंसी विकेट्स पर कुलदीप खुद को साबित करने के लिए तैयार हैं।

26 साल के पेसर कुलदीप सेन टी-20 वर्ल्ड कप के लिए बतौर नेट बॉलर टीम इंडिया का हिस्सा थे। लेकिन, वीजा क्लियर नहीं होने की वजह से वो ऑस्ट्रेलिया नहीं जा पाए।
अब रीवा की रेवांचल एक्सप्रेस (कुलदीप को उसके दोस्त रेवांचल एक्सप्रेस भी कहते हैं) ऑकलैंड, हैमिल्टन और क्राइस्टचर्च में रफ्तार और स्विंग का हुनर दिखाने को तैयार है। टीम इंडिया में सिलेक्शन के बाद कुलदीप सेन ने  करियर, परफॉर्मेंस और तैयारियों पर बातचीत की। आप भी पढ़िए टीम इंडिया के इस लेटेस्ट पेस सेंसेशन ने क्या कहा.
सवाल: टीम इंडिया में चुने जाने पर बधाई। सिलेक्शन पर क्या कहेंगे?
उम्मीद नहीं की थी कि इतनी जल्दी मौका मिलेगा। मैं सोच रहा था कि ईरानी ट्रॉफी और इंडिया-ए में परफॉर्मेंस अच्छा रहा है। ऐसे में कुछ अच्छा हो सकता है। फिर भी इतनी जल्दी मौका मिलेगा, इसकी उम्मीद कम थी। मुझे वर्ल्ड कप के लिए इंडियन टीम के नेट बॉलर के तौर पर ऑस्ट्रेलिया जाना था, लेकिन वीजा नहीं मिल पाया। इससे थोड़ी निराशा हुई। फिर फोकस मुश्ताक अली ट्रॉफी पर किया। घरेलू टूर्नामेंट खेलने के बाद NCA में ट्रेनिंग के लिए गया। इसके बाद सिलेक्शन कॉल आया तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह मेरे लिए सपने से भी बढ़कर है। इसके लिए कई साल बहुत मेहनत की। अब मौका मिला है तो बहुत खुश हूं। मुश्किल दौर में परिवार और दूसरे लोगों ने जो सपोर्ट किया, उनका शुक्रगुजार हूं।

सवाल- सबसे पहले जानकारी कैसे मिली?
मैं प्रैक्टिस के बाद होटल जा रहा था। रास्ते में एक दोस्त ने फोन पर जानकारी दी। पहले तो भरोसा नहीं हुआ। मैंने उससे पूछा भी कि क्या सच में सिलेक्शन हो गया है। उसने भरोसा दिलाया। फिर मैंने खुद टीम लिस्ट देखी। उसके बाद मम्मी-पापा और कोच को बताया। फिर तो फोन आना बंद ही नहीं हुए।

सवाल- रीवा से दूसरे…8 साल पहले ईश्वर भी चुने गए थे। ये सफर कैसा रहा?
मेरे लिए बहुत बड़ी बात है कि जिन्हें (ईश्वर पांडे) इंस्पिरेशन माना, अब उनके साथ मेरा नाम जुड़ रहा है। ईश्वर पांडे मेरे काफी क्लोज और बड़े भाई जैसे हैं। मुश्किल वक्त में उन्होंने मेरी काफी मदद की। उनके बाद जब टीम में मेरा नाम आया तो फख्र महसूस करता हूं।

मैंने भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। ऐसी जगह जहां क्रिकेट का ज्यादा स्कोप न हो, वहां से इस मुकाम तक पहुंचना…ये बड़ी बात है। मेरे लिए इंडिया तक का सफर अच्छा, लेकिन मुश्किल रहा। बहुत अप एंड डाउन देखे। इसलिए यह सिलेक्शन कॉल बहुत स्पेशल है।