यूरो-आंकोलाजी का विशेष ओपीडी क्लीनिक प्रत्येक गुरुवार एवं एवं फीमेल यूरोलाजी का हर शुक्रवार को संचालित होगा। मरीजों को होगी सहूलियत।
राजधानी के साकेत नगर में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों की सुविधा के लिए यूरो-आंकोलाजी एवं फीमेल यूरोलाजी का विशेष ओपीडी क्लीनिक को 19 जनवरी यानी आज से प्रारंभ किया रहा है। क्लीनिक यूरोलाजी विभाग द्वारा प्रत्येक गुरूवार को संचालित की जाएगा। क्लीनिक में किडनी, प्रोस्टेट, मूत्राशय (पेशाब की थैली), पुरूष जननांग के कैंसर से संबंधित मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके लिए पृथक ओपीडी का संचालन किया जाएगा।
इसी प्रकार महिलाओं के लिए प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर दो से चार बजे के बीच मूत्र से संबंधित शिकायत से संबंधित महिला मरीजों की समस्या का उपचार किया जाएगा। इससे कैंसर मरीजों एवं यूरोलाजी से संबंधित महिला मरीजों को इलाज कराने के लिए लंबी कतारों से निजात मिलेगी। एम्स के कार्यपालक निदेशक डा अजय सिंह ने मरीजों की सुविधा का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।
एम्स में रेस्पिरेटरी फिजियोलाजी पर व्याख्यान
चिकित्सक सतर्कता से कार्य करें वे तो अच्छे शोधकर्ता भी हो सकते हैं। एम्स भोपाल में रेस्पिरेटरी फिजियोलाजी में हुई प्रगति और वर्तमान युग में फेफड़ों के कैंसर के रोगियों में सुधार विषय पर शैक्षणिक व्याख्यान के दौरान कार्यपालक निदेशक प्रो. डा. अजय सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कैंसर निगरानी के दौरान छिपे हुए कारकों की पहचान किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने समुदाय में फेफड़ों के कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए बायोमार्कर की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने ऐसी घातक बीमारियों के प्रबंधन में आयुष जैसे वैकल्पिक उपचारों को शामिल करने की भी सलाह दी।
फिजियोलाजी और रेडियोथेरेपी विभाग ने यह आयोजन किया। समारोह में डा. लालेंग दारलोंग मुख्य अतिथि थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि फेफड़ों के कैंसर का उपचार संभव है। अन्य सत्र में सीने की भित्ती (चेस्ट वाल) और फेफड़ों की गति (लंग्स मूवमेंट) में फिजियोलाजिकल मेजरमेंट में हाल ही में हुई प्रगति, फेफड़ों के कैंसर मोशन मेजरमेंट तथा व्यक्तिगत चिकित्सा – रेडियोथेरेपी नॉन स्माल लंग कैंसर की सिस्टेमेटिक थैरेपी में हुई प्रगति पर डा सुनील चौहान, डा सैकत दास, डर राजेश पसरीचा द्वारा जानकारी दी गई।