आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर मचे बवाल के बाद रामानंद सागर की ‘रामायण’ एक बार फिर से शेमारू टीवी पर टेलीकास्ट होने जा रही है। एक बार फिर से इसके प्रसारण की खबर सुनकर शो की स्टार कास्ट बेहद खुश है। इसी बीच दैनिक भास्कर ने शो में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले एक्टर सुनील लहरी से कई विषयों पर चर्चा की। जानिए उन्होंने क्या कहा…

हर धर्म के लोग देखते हैं ‘रामायण’

यह देश के लिए अच्छी बात है कि ‘रामायण’ एक बार फिर से टेलीकास्ट होने जा रही है। हमारे इस शो को सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग देखते हैं। मैं ओशिवारा, अंधेरी में रहता हूं। मेरे घर के पास में एक मुस्लिम डॉक्टर रहते थे। उन्होंने ‘रामायण’ देखने के लिए अपने क्लीनिक का टाइम ही चेंज कर दिया था। वो नियमित रूप से सपरिवार हमारा शो देखते थे।

भोपाल में रहने वाली कुछ मुस्लिम फैमिली को भी जानता हूं जिन्होंने ‘रामायण’ का एक भी एपिसोड मिस नहीं किया। उनका कहना है कि रामायण मान-सम्मान और रिश्तों का पाठ पढ़ाता है। पहले के जमाने में बड़े बुजुर्ग ‘रामायण’ पढ़ते थे और सब सुनते थे। आज के इलेक्ट्रॉनिक दौर में लोग रोज ‘रामायण’ देखते हैं।

मैं अमेरिका की एक महिला को जानता हूं जो अब तक 50 बार ‘रामायण’ देख चुकी हैं। ऐसे कई लोग हैं जो हमारे शो को आज भी रिपीट देखते आ रहे हैं।

पब्लिक के इमोशंस के साथ नहीं खेलना चाहिए

अभी ‘आदिपुरुष’ बनी है, यह कहीं से इमोशन को टच ही नहीं करती है। इसमें बहुत रॉन्ग जस्टिफिकेशन है। हनुमान जी भक्त नहीं, भगवान थे। बहुत ऊटपटांग बातें कही गई हैं। मैं आगे भी लोगों से कहना चाहता हूं कि आप पब्लिक के इमोशन के साथ मत खेलो। फिल्म ‘आदिपुरुष’ के बारे में सिर्फ इतना ही कहूंगा कि यह बहुत ही डिसअपॉइंटिंग फिल्म थी।

बहुत नेगेटिव भी थी और इसके कैरेक्टर डिफाइंड ही नहीं थे। आप कोई चीज ग्लोरिफाई करके बना दें, उससे फिल्में नहीं चलती। आप कोई सोशल फिल्म बनाते, तब बात समझ में आती। आप ‘रामायण’ जैसे ग्रंथ पर फिल्म बना रहे हैं, जो हमारे खून में है, हमारे रग-रग में हैं।

ओटीटी के दौर में भी चला हमारा शो

मेकर्स ने इमोशन कितना कनेक्ट किया है, बस वही मायने रखता है। बहानेबाजी नहीं चलती है। अगर आप बोलेंगे कि उस जमाने में एक ही चैनल था, तो लॉकडाउन में तो 300 चैनल थे। ओटीटी और सोशल मीडिया भी था। ‘रामायण’ लॉकडाउन में आया और तब भी लोगों ने रिकॉर्ड-तोड़ पसंद किया। जब लोगों के इमोशन से कनेक्ट करोगे तभी लोग उससे जुड़ेंगे। ‘रामायण’ के बाद जितने भी प्रोग्राम आए, वे लोगों से इमोशनल कनेक्ट नहीं कर सके।