आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : हिंदी सिनेमा में एक कहावत मशहूर थी, ‘ऊपर आका, नीचे काका।’ मतलब ऊपर भगवान और नीचे काका यानी राजेश खन्ना। उन्हें हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार भी कहा जाता था। आज उन्हीं राजेश खन्ना की 11वीं पुण्यतिथि है।
इस लेवल का स्टारडम हासिल करने से पहले राजेश खन्ना को बहुत मेहनत करनी पड़ी थी। बंटवारे के बाद आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रही तो पिता ने परवरिश के लिए उन्हें रिश्तेदार को सौंप दिया। फिल्मों में एंट्री लेने के बाद उन्होंने 3 साल में लगातार 15 हिट फिल्में दीं। फैंस के बीच इतनी दीवानगी थी कि कई बार हादसे से बचने के लिए शूटिंग रोकनी पड़ती थी।
एक टैलेंट हंट से शुरू हुआ स्टारडम का सिलसिला ऐसा चला कि आज तक किसी दूसरे स्टार ने ऐसा खूबसूरत दौर नहीं देखा। करीब 20 साल बॉलीवुड पर अकेले राजेश खन्ना ही छाए रहे। अमिताभ बच्चन की एंट्री पर उनका स्टारडम फीका पड़ गया। अंतिम कुछ सालों में वो बिल्कुल अकेले ही रहे। अवॉर्ड शो में अकेले ही शिरकत करते। मौत के बाद दुनिया को पता चला कि वो कैंसर से पीड़ित थे।
पढ़िए, हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की रोलर कोस्टर जैसी जिंदगी के कुछ अनसुने किस्से….
तंगी की वजह से पिता ने रिश्तेदार को सौंप दी थी राजेश खन्ना की जिम्मेदारी
राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में लाला हीरानंद खन्ना और चंद्ररानी खन्ना के घर हुआ था। उनके एक बड़े भाई थे। फिल्मों में आने से पहले उनका नाम जतिन था। 1947 में देश के बंटवारे के बाद पूरा परिवार भारत के अमृतसर में आकर बस गया।
पिता एक स्कूल टीचर थे, लेकिन बंटवारे की वजह से उनकी नौकरी चली गई और इस वजह से तंगी का सामना करना पड़ा। हालात इस कदर बदतर थे कि वो परिवार का पालन-पोषण नहीं कर पा रहे थे। इसी वजह से उन्होंने 6 साल के राजेश खन्ना को मुंबई में रहने वाले रिश्तेदार चुन्नी लाल खन्ना और लीलावती को सौंप दिया।
बचपन से ही एक्टिंग के लिए थे जुनूनी
बचपन से ही राजेश खन्ना को परिवार वाले काका नाम से बुलाते थे। पंजाबी भाषा में काका का मतलब छोटा बच्चा होता है। हमेशा से एक्टिंग के जुनूनी राजेश खन्ना 10 साल की उम्र में थिएटर से जुड़ गए थे। एक्टिंग के अलावा उन्हें बोंगो और तबला बजाने में खासा दिलचस्पी थी। स्कूल के दिनों में जितेंद्र उनके बहुत अच्छे दोस्त थे। वो कॉलेज के दिनों में भी थिएटर और स्टेज शोज से जुड़े रहे। साथ ही स्टेज शोज से कई अवॉर्ड्स भी अपने नाम किए|
फिल्मों के लिए मामा ने जतिन से नाम बदलकर रख दिया राजेश खन्ना
राजेश खन्ना ने अंधा युग नाम के एक नाटक में सैनिक का किरदार निभाया। नाटक में उनकी एक्टिंग से एक चीफ गेस्ट इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने राजेश खन्ना से कहा- बेटा तुम्हें फिल्मों में काम करना चाहिए। हालांकि उनके पिता एक्टर बनने के हमेशा से खिलाफ थे।
पिता के मना करने के बाद भी एक्टिंग के लिए उनका जुनून कम नहीं हुआ। ये बात उन्होंने अपने मामा को बताई जिन्होंने फिल्मों के लिए उनका नाम बदलकर राजेश खन्ना रख दिया।