आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भाषा संप्रेषण ही नहीं संगोपन भी करती है । अनुवाद के माध्य्म से ऐसा बहुधा होता है । ग्यादरहवें यूको बैंक अखिल भारतीय राजभाषा अधिकारी सम्मेरलन के उद्घाटन सत्र में अपने विचार व्त्ग्या करते हुए मनोज कुमार श्रीवास्ताव ने कहा – अनुवाद एक संवेदनशील विधा है । इस सम्मेवलन में देशभर के विभिन्नम अंचल कार्यालयों तथा प्रधान कार्यालय से 46 प्रतिभागियों की उपस्थिति में संपन्नि उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि थे अक्षरा के प्रधान संपादक मनोज श्रीवास्ताव आयोजित तीन दिवसीय राजभाषा सम्मेलन को सप्रे संग्रहालय के संस्था पक विजय दत्तत श्रीधर और जनजातीय भाषा एवं बोली अकादमी भोपाल के निदेशक धर्मेन्द्रख पारे समेत अनेक विद्वानों ने संबोधित किया । इस अवसर पर क्षेत्रीय कार्यान्व यन कार्यालय भोपाल के सहायक निदेशक हरीश सिंह चौहान ने भी संबोधित किया । सम्मेलन का उद्घाटन बैंक के महाप्रबंधक (राजभाषा) मनीष कुमार ने तथा समापन बैंक के भोपाल अंचल के अंचल प्रबंधक राजेश उपाध्या्य ने किया । इस सम्मेलन में प्रतिभागियों को सरकार की राजभाषा नीति, देश की जनजातीय संस्कृाति, हिंदी पत्रकारिता का इतिहास और संस्कृकत एवं हिंदी के अंतरसंबंध आदि विषयों पर विभिन्नब सत्रों में प्रशिक्षित किया गया। समापन सत्र में बैंक के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, भोपाल के प्राचार्य सुबोध कुमार सिंह ने मध्यनप्रदेश की सांस्कृंतिक विरासत और भाषायी संवेदना का परिचय दिया ।