सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : आंचलिक विज्ञान केंद्र भोपाल ने अपने परिसर में शून्य छाया दिवस मनाया । शून्य छाया दिवस सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण जैसी एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जिसमें सूर्य दोपहर के समय किसी स्थान के ठीक ऊपर आ जाता है, जिससे जमीन पर किसी वस्तु की छाया नहीं बनती। भोपाल (अक्षांश: 23.25 डिग्री उत्तर) के लिए, एक शून्य छाया दिवस देखने मिला । इस कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर सूर्य की अवास्तविक गति को प्रदर्शित करने के लिए एक किट प्रदर्शित की गई ।
इस से विषुव, संक्रांति और शून्य छाया दिवस जैसे खगोलीय घटनाओं के कारण सटीक रूप से दर्शकों को समझाए गए । इसके अलावा, समय के साथ किसी वस्तु की छाया की लंबाई में होने वाले परिवर्तन को प्रदर्शित करने के लिए ग्राफ पेपर पर एक ऊर्ध्वाधर खंभे की छाया की लंबाई का निरंतर माप लिया गया एवं शून्य छाया की स्थिति निश्चित की गई । इसके अलावा, न्यूनतम छाया की स्थिति प्राप्त करने के लिए सूर्य द्वारा जमीन पर प्रक्षेपित विभिन्न ज्यामितीय वस्तुओं की छायाओं की भी निरंतर निगरानी की गई ।
इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के कुल 60 विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों तथा आम जनता एवं गृहणियों ने भाग लिया और इस दुर्लभ घटना को देखा।
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