CNN की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी सेना ने रूस के पेड़ों की आड़ में छिपे सैनिकों को निशाना बनाने के लिए इस ड्रोन का इस्तेमाल किया। थर्माइट इतना शक्तिशाली है कि यह स्टील तक को पिघला सकता है, जिससे रूसी हथियार जलकर नष्ट हो गए।
यूक्रेन और रूस दोनों ही इस घातक थर्माइट का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले रूस ने 2023 में पूर्वी यूक्रेन के वुहलदार शहर पर इसका इस्तेमाल किया था। अब यूक्रेन की 60वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड इसे रूस के खिलाफ प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
थर्माइट का उपयोग पहले रेल की पटरियों को जोड़ने के लिए किया जाता था, लेकिन बाद में इसे युद्ध में भी इस्तेमाल किया गया। युद्ध के इतिहास में इसका इस्तेमाल सबसे पहले जर्मनी ने ब्रिटेन पर किया था और बाद में अमेरिका ने इसे दूसरे विश्व युद्ध और वियतनाम युद्ध में इस्तेमाल किया।
संयुक्त राष्ट्र की गाइडलाइन के अनुसार, थर्माइट का सेना के खिलाफ उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसे आम नागरिकों पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यूक्रेन ने अब इस तकनीक का प्रभावी इस्तेमाल करते हुए रूस के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है।