सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता और नियमों के पालन को लेकर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल के निर्देश पर एक विशेष निगरानी कमेटी गठित की गई है, जो राज्य के सभी 47 निजी विश्वविद्यालयों में औचक निरीक्षण करेगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखें, योग्य फैकल्टी हो, छात्रों को बुनियादी सुविधाएं मिले और 2019 के अंब्रेला एक्ट के नियमों का कड़ाई से पालन हो।
प्रदेश में कुल करीब 2.66 लाख छात्र-छात्राएं इन विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत हैं। कुछ संस्थान अच्छी तरह संचालित हो रहे हैं, लेकिन कई जगह नियमों के उल्लंघन की शिकायतें भी मिली हैं। इस पर नियंत्रण के लिए कमेटी शैक्षणिक गतिविधियों, नियमित कक्षाओं, कोर्स की पूर्णता, फैकल्टी नियुक्ति, छात्र शिकायत निवारण, फीस संरचना और बुनियादी ढांचे की स्थिति का विस्तृत निरीक्षण करेगी।
2019 के अंब्रेला एक्ट के तहत शहरी क्षेत्र में कम से कम 20 एकड़ और ग्रामीण क्षेत्र में 50 एकड़ भूमि होना अनिवार्य है। साथ ही विश्वविद्यालय संचालकों को पांच करोड़ रुपये की एफडी जमा करनी होती है, जिसका ब्याज ही वे उपयोग कर सकते हैं। नियमों के उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित विश्वविद्यालय को चेतावनी के साथ-साथ मान्यता रद्द करने की कार्रवाई भी हो सकती है।
योगी सरकार की यह पहल निजी शिक्षा संस्थानों में सुधार और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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