आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : डांस करना आसान नहीं! जी हां, कुछ यही कहना हैं ‘झलक दिखला जा 11’ के कंटेस्टेंट्स का जो शो के मंच तक पहुंचने के लिए कई बार घायल हुए। दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान, एक्टर विवेक दहिया ने बताया कि उन्हें इतनी चोटें लगती हैं कि वह घाव बन जाती हैं। वहीं ‘गन्स एंड गुलाब’ फेम अद्रिजा सिन्हा की मानें तो उन्हें खुद को काफी घिसना पड़ रहा है। आइए इन्हीं एक्टर्स से जानते हैं, कितनी मुश्किल है इनकी ये डांस की जर्नी।
विवेक दहिया: जब भी रिहर्सल से घर लौटता, तो दिव्यांका पूछती थी कि आज कहां चोट लगाकर आए हो
डांस में बहुत मेहनत होती है। यकीन मानिए, हर जगह चोटें आई हैं। कई बार तो ये चोटें काला घाव बन जाती थीं। जब भी रिहर्सल से घर लौटता, तो दिव्यांका पूछती थी कि आज कहां चोट लगाकर आए हो। मैं उन्हें अपनी चोट दिखाकर कहता कि यही मार्क्स मुझे रियल मार्क्स (स्कोर) देने में मदद करेंगे। मेहनत के साथ-साथ लंबा समय भी देना होता है, लेकिन इसमें बहुत मजा भी है।
अद्रिजा सिन्हा: बहुत सारी चोटें आईं, खुद को काफी घिसना पड़ रहा है
बहुत सारी चोटें आईं। ‘सुपर डांसर’ के बाद, अपनी डांसिंग जर्नी में एक छोटा सा ब्रेक आ गया था। डांसिंग में जो कठिन ट्रेनिंग की जरुरत होती है, उसे पिछले कई सालों से कायम नहीं रख पाई। इसीलिए जब ‘झलक दिखला जा’ ऑफर हुआ तो मुझे लगा कि ये मेरे लिए गोल्डन मौका है। मुझे ये मौका बिलकुल गवाना नहीं चाहिए। शुरुआत में मुझे बहुत फिजिकल पेन होता था। मुझे इतने घंटों तक प्रैक्टिस करने की आदत नहीं थी। तकरीबन 10 दिन लग गए मुझे नॉर्मल होने में। काफी चोटें भी आईं, खास तौर पर एरियल डांस एक्ट करने के दौरान। खुद को काफी घिसना पड़ रहा है। हालांकि, ये एक प्रोसेस है और मुझे लगता है कि इससे हमारा टैलेंट निखर कर आएगा। जब जजेस आपकी मेहनत को सराहते हैं, तो इस दर्द का बिलकुल एहसास नहीं होता।
आमिर अली: सेट पर फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत पड़ी थी
सिर्फ मैं ही नहीं हम में से कई टूट-फुट चुके हैं (हंसते हुए)। सबसे अच्छी बात ये है कि हम सब में कुछ कर दिखाने का जज्बा है। चाहे कितनी भी इंजरी क्यों ना आई हो, हमें आगे बढ़ना ही होगा। मुझे भी सेट पर फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत पड़ी थी।
शिव ठाकरे: डांस के लिए जो फ्लेक्सिबिलिटी चाहिए, वो मेरी बॉडी में नहीं
मेरी कोरिओग्राफर पार्टनर बहुत फ्लेक्सिबल हैं। वो पूरी तरह से अपनी बॉडी को स्ट्रेच करती हैं और उसे लगता है कि जितनी आसानी से वो कर पाती है, वैसा मैं भी कर लूंगा। लेकिन, ऐसा बिलकुल नहीं हो पाता, मानो लग रहा है जैसे जिंदगी नया मोड़ ले रही है। देखिए, सच कहूं तो मैंने जो पहलवान वाली बॉडी बनाई है, वो डांस के लिए पूरी तरह से अपोजिट है। डांस के लिए जो फ्लेक्सिबिलिटी चाहिए, वो मेरी बॉडी में नहीं है। बहुत तकलीफ होती है हालांकि अब पिछले कुछ दिनों से फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई ये भी है कि जो बचपन में नहीं बढ़ी, वो अब कैसे होगी? बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं।
शोएब इब्राहिम: तकलीफ थी, लेकिन काम तो करना ही पड़ेगा
हर कंटेस्टेंट को परफॉर्मेंस से पहले स्टेज पर रिहर्सल करना होता है। मेरे पैर में अभी भी बहुत दर्द है। हाल ही में जब हम जब रिहर्सल कर रहे थे, परफॉर्मेंस में स्लाइड करना था, जब मैं खड़ा हुआ तो पैर में इतनी जोर से इम्पैक्ट आया मेरे। मैं चल नहीं पा रहा था, काफी तकलीफ थी, लेकिन काम तो करना ही पड़ेगा।