सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम ने यशवंत सागर तालाब पर 400 एकड़ क्षेत्रफल में फैले फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना की योजना बनाई है। इस परियोजना के लिए नगर निगम और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के बीच एमओयू साइन हो चुका है, और अब इसके फिजिबिलिटी सर्वे का काम भी शुरू हो गया है। प्री-फिजिबिलिटी स्टडी के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। परियोजना के पूरा होने के बाद नगर निगम को हर महीने 2 करोड़ रुपए तक बिजली खर्च में बचत होगी।
ओंकारेश्वर के बाद इंदौर में फ्लोटिंग सोलर प्लांट की पहल
मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में एशिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया गया है, और अब इंदौर भी इसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है। स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह और तकनीकी टीम ने हाल ही में केरल के कायामकुलम में 92 मेगावॉट और विशाखापट्टनम सिम्हाद्री में 25 मेगावॉट के फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट का निरीक्षण किया। अफसरों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से न केवल बिजली उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि ग्रीन क्रेडिट भी मिल सकेगा।
सोलर सिटी के लक्ष्य की ओर इंदौर
नगर निगम ने इंदौर को सोलर सिटी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए हर घर सोलर अभियान शुरू किया था। 3 साल में 300 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से वर्तमान में 41 मेगावॉट की क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। फ्लोटिंग सोलर प्लांट की खास बात यह है कि जमीन पर स्थापित सोलर प्लांट्स की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक बिजली उत्पादन होता है और पानी की बर्बादी भी कम होती है।
स्मार्ट सिटी मिशन की गाइडलाइंस के अनुसार, शहर में कुल ऊर्जा जरूरत का 10 प्रतिशत सौर ऊर्जा से पूरा होना चाहिए। इस दिशा में नगर निगम ने कई शासकीय इमारतों पर सोलर प्लांट्स स्थापित किए हैं और वर्तमान में शहर में डेढ़ मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है।