सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: विश्‍व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर एम्स भोपाल के ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग द्वारा “कार्यस्थल पर चोटों की रोकथाम और प्रबंधन” की थीम के साथ एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने बाल आपातकालीन इकाई में एक नए प्रक्रिया कक्ष का उद्घाटन किया।
निदेशक सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “विश्व ट्रॉमा दिवस हमारे लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमें ट्रॉमा प्रबंधन और आपातकालीन चिकित्सा के महत्व को याद दिलाता है। विशेष रूप से बच्चों के लिए, प्रक्रिया कक्ष की स्थापना एक सराहनीय कदम है । इस कक्ष के शुरू होने से हम बच्‍चों को त्वरित चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। इस कक्ष की स्‍थापना से हम मामूली प्रक्रियाएं जैसे कि चोटों की सफाई और टांके लगाने के कार्य के अतिरिक्‍त यह भी सुनिश्चित कर सकेंगे कि बच्चों को इमरजेंसी के दौरान एक शांत और सुरक्षित वातावरण मिले, जिससे उनकी मानसिक स्थिति में सुधार हो सके।”
ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख यूनुस ने कहा, “आपातकालीन परिस्थितियों में डॉक्टरों के त्वरित निर्णय और क्रियाकलापों का महत्व अत्यधिक होता है। इस नए कक्ष के माध्यम से हम गंभीर मामलों के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध करवा सकेंगे।” डॉ. भूपेश्वरी पटेल, बाल आपातकालीन इकाई की इंचार्ज, ने बच्चों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “अस्पताल में बच्‍चों के उपचार के दौरान सकारात्मक और सुरक्षित माहौल होना चाहिए, ताकि वे कम तनाव का अनुभव करें और जल्दी ठीक हो सकें।”
इस कार्यक्रम के दौरान, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने एक नाटक के माध्यम से सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों को जागरूक किया। इसमें हेलमेट पहनने, शराब पीकर गाड़ी न चलाने, सीट बेल्ट बांधने, बच्चों को चोट लगने से बचाने और सीपीआर के महत्व के बारे में बताया गया।
एम्‍स भोपाल के ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में पिछले दो सालों में आने वाले मरीजों की संख्‍या अप्रत्‍याशित रूप से बढ़ी है। वर्ष 2022 में जहां केवल 40179 मरीजों का उपचार किया गया था वहीं वर्ष 2023 में 64660 मरीज इलाज के लिए आए। इस वर्ष सितंबर माह तक ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन में 72820 मरीजों का उपचार किया जा चुका है।

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