सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के नेतृत्व में एम्स भोपाल ने इस वर्ष के विषय, “हाँ! हम टीबी को समाप्त कर सकते हैं: प्रतिबद्धता, निवेश, वितरण” के अनुरूप, विश्व तपेदिक (टीबी) दिवस 2025 मनाने में वैश्विक समुदाय के साथ भाग लिया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य टीबी के उन्मूलन की दिशा में भारत की प्रगति को उजागर करना और इस बीमारी को समाप्त करने के लिए सामूहिक संकल्प को सुदृढ़ करना था। तपेदिक (टीबी) एक संक्रामक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। टीबी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर हवा के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षणों में लगातार खांसी, सीने में दर्द, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना शामिल हैं। हालांकि टीबी को रोका और ठीक किया जा सकता है, फिर भी यह विशेष रूप से भारत जैसे देशों में एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है।
इस अवसर पर प्रो. अजय सिंह ने कहा, “तपेदिक भारत में एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है। 2025 तक टीबी को समाप्त करने के हमारे संकल्प को पूरा करने के लिए हमें स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में पर्याप्त निवेश, प्रभावी रोकथाम और उपचार सेवाओं की आवश्यकता है। एम्स भोपाल इस मिशन में पूरी प्रतिबद्धता के साथ योगदान देने के लिए तत्पर है, ताकि हम एक टीबी मुक्त भारत का निर्माण कर सकें।” एम्स भोपाल में आयोजित कार्यक्रमों में शैक्षिक सेमिनार, मुफ्त टीबी स्क्रीनिंग शिविर और टीबी निदान और उपचार में प्रगति पर चर्चा करने के लिए स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के साथ इंटरैक्टिव सत्र शामिल थे। इन पहलों का उद्देश्य समुदाय को टीबी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ज्ञान और संसाधनों के साथ सशक्त बनाना है। भारत 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत है, और एम्स भोपाल इस राष्ट्रीय पहल में जागरूकता, अनुसंधान और रोगी देखभाल के माध्यम से अपना महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा।
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