सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में आयुष विभाग द्वारा पहली बार वर्ल्ड मेडिटेशन डे का आयोजन किया गया। सुबह 7 बजे से प्रारंभ हुए इस आयोजन में डॉक्टर, नर्स, मरीज और अन्य लोग शामिल हुए। इस अवसर पर प्रो. सिंह ने कहा, “वर्ल्ड मेडिटेशन डे का उद्देश्य है कि प्राचीन ध्यान विधियों को आधुनिक जीवनशैली में समाहित किया जाए। सूर्य त्राटक और ध्यान जैसी तकनीकें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अद्भुत परिणाम देती हैं।”
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं में सूर्य त्राटक, ध्यान सत्र, ॐ के रूप में मानव श्रृंखला और यौगिक अभ्यास व स्वाध्याय शामिल थे। प्रतिभागियों ने सूर्योदय के समय सूर्य त्राटक कर सूर्य की उत्तरायण किरणों को आत्मसात किया। यह यौगिक ध्यान तकनीक प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है और मानसिक स्पष्टता, दृष्टि सुधार, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रसिद्ध है। सूर्य त्राटक के लाभों में दृष्टि में सुधार, एकाग्रता में वृद्धि, तनाव में कमी और ऊर्जा में वृद्धि शामिल हैं। ध्यान सत्र के दौरान प्रतिभागियों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास कराया गया।
इसके अलावा, प्रतिभागियों ने ॐ का आकार बनाकर ध्यान की महत्ता का प्रदर्शन किया और योग, प्राणायाम तथा स्वाध्याय का भी अभ्यास किया। संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के अनुसार अब हर वर्ष 21 दिसंबर को वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया जाएगा। यह दिन, जब सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है और दिन बड़े होने लगते हैं, सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य के लिए शुभ माना जाता है।
आयुष विभाग के वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर डॉ. दानिश जावेद और योग प्रशिक्षक चंचल सूर्यवंशी ने ध्यान और योग के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि ध्यान नियमित अभ्यास से मन, विचार और इंद्रियों को नियंत्रित करने का सशक्त माध्यम है। यह कार्यक्रम न केवल एक नई परंपरा की शुरुआत है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान और योग की भूमिका को भी रेखांकित करता है।
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