आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : चाहे वर्ल्ड कप 1983 का पहला मैच रहा हो, जिसमें सुनील गावस्कर ने 175 गेंदों में 36 रन बनाए या फिर 2011 वर्ल्ड कप में टाई हो जाने वाला इंडिया और इंग्लैंड का मैच। 1987 का सेमीफाइनल मैच हो, जिसमें भारत मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया था या फिर 1975 वर्ल्ड कप मैच में सुनील गावस्कर द्वारा खेली गई पारी। आज क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन से जानिए वर्ल्ड कप के कुछ ऐसे ही दिलचस्प मुकाबलों के बारे में…

1992: जब वर्ल्ड कप में पहली बार आमने-सामने आए भारत और पाकिस्तान…

वर्ल्ड कप के इतर भारत-पाकिस्तान के बीच पहले भी कई मुकाबले हो चुके थे, लेकिन साल 1992 के वर्ल्ड कप में, भारत और पाकिस्तान पहली बार किसी ICC टूर्नामेंट में आमने-सामने थे। सभी की नजरें भारत-पाकिस्तान मुकाबले पर थीं। उस वक्त सभी क्रिकेट फैंस की नजरें इंडियन टीम के कैप्टन अजहरुद्दीन, कपिल देव और युवा खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर पर टिकी थी। सचिन का ओवरऑल परफॉर्मेंस अच्छा रहा। भारत-पाकिस्तान के बीच खेले गए इस मुकाबले में ज्यादा कांटे की टक्कर देखने को नहीं मिली। मैच के दौरान जावेद मियांदाद ने भारतीय खिलाड़ियों पर दबाव बनाने का प्रयास किया पर वो भी असफल रहा और भारत ने एक बड़े अंतर से मैच को जीत लिया।

1987: जब स्वीप शॉट के कारण वर्ल्ड कप हारा भारत…

1987 का वर्ल्ड कप, सभी टीमों ने बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया। लगभग सभी मैचों में टीमों के बीच क्लोज फाइट देखने को मिली। सेमीफाइनल दो हिस्सों में हुआ, एक लाहौर और दूसरा मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में। लाहौर में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सेमीफाइनल मुकाबला हुआ। पाकिस्तान बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी मैच हार गया। वहीं दूसरा सेमीफाइनल भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया। इंग्लैंड ने मैच से पहले भारत की स्पिन गेंदबाजी की ताकत को टारगेट करने के लिए रणनीति बनाई और मुंबई के लोकल नेट स्पिनर्स को प्रैक्टिस के लिए बुलाया गया। इंग्लैंड टीम ने मैच से पहले स्पिनर्स को खेलने का अभ्यास किया। इसके कारण इंग्लैंड पहले बैटिंग करते हुए ग्राहम गूच की शतकीय पारी की बदौलत 254 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच गया। वहीं दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम 219 रनों के भीतर ही ऑलआउट हो गई।

1983: कपिल ने लपका रिचर्ड का कैच और बदला मैच का रुख…

1983 का वर्ल्ड कप, भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज के सामने 183 रन का टोटल खड़ा करती है। वेस्टइंडीज के सामने इतने छोटे टारगेट को देख ऐसा लग रहा था मानो भारत ये मुकाबला हार जाएगा। उस वक्त भारतीय टीम के कैप्टन थे कपिल देव, जो एक स्टेबल खिलाड़ी है। भारत की कसी हुई गेंदबाजी और विवियन रिचर्ड्स के कैच की बदौलत भारत ये मुकाबला 43 रन के बड़े अंतर से जीतकर चैम्पियन बना। यह मुकाबला इसलिए भी चर्चित रहा क्योंकि मैच के लिए बड़ी संख्या में इंडियन फैंस चार-पांच गुना ज्यादा पैसे देकर मैच देखने पहुंचे। वेस्टइंडीज खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से इतने निराश हुए कि मैच के बाद आयोजित कार्यक्रम में केवल 2 वेस्टइंडीज खिलाड़ी शामिल हुए।

1975: सुनील गावस्कर ने 60 ओवर में बनाए 36 रन…

1975 वर्ल्ड कप का पहला ही मैच भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया। इंग्लैंड ने भारत को 334 रन का टारगेट दिया। इसके जवाब में भारत 60 ओवर में सिर्फ 132 रन ही बना सका। सुनील गावस्कर 60 ओवर नाबाद रहते हुए 174 गेंदों में सिर्फ 36 रन ही बना सके। मैच के बाद जब गावस्कर से उनकी स्लो बैटिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बोला कि ये उनकी सबसे बेकार पारियों में से एक नहीं है। सुनील गावस्कर अपनी सबसे बेकार पारी को याद दिलाते हुए बताते हैं कि 1981 में मेलबर्न में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुकाबले में अम्पायर ने गावस्कर को गलत आउट दे दिया। इस कारण मैदान पर ही कुछ देर बहस हुई और गावस्कर गुस्से में अपने ओपनिंग पार्टनर चेतन शर्मा का हाथ पकड़कर घसीटते हुए ग्राउंड के बाहर लेकर चल दिए। बाद में उन्हें लगा कि ऐसा नहीं करना चाहिए था।

2011: जब भारत और इंग्लैंड का मैच हुआ ड्रॉ…

2011 वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज में इंग्लैंड को आयरलैंड जैसी कमजोर टीम से शिकस्त खानी पड़ी। भारत और इंग्लैंड के बीच हुए मुकाबले में भारतीय टीम सबसे पहले बल्लेबाजी करने उतरी और 327 रन का एक बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में इंग्लैंड टीम के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस कि शतकीय पारी के बदौलत मैच ड्रॉ हो गया।