इस्लामाबाद । विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 4.3 फीसदी ‎किया जो पिछले वर्ष के मुकाबले करीब एक फीसदी कम है। उसने कहा कि निवर्तमान सरकार द्वारा ऊर्जा सब्सिडी देने का अंतिम समय पर जो फैसला लिया गया उससे बजट पर अतिरिक्त भार पड़ा और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यक्रम के लिए खतरा खतरा पैदा हुआ।

विश्व बैंक में दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर ने दक्षिण एशिया में आर्थिक ध्यान को पुन: आकार देने वाले नियम: आगे का नया रास्ता नाम की रिपोर्ट जारी की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कर छूट हटाने और ईंधन पर कर बढ़ाने के आईएमएफ के साथ अपने समझौते का पहले तो पालन किया।

उन्होंने कहा कि लेकिन घरेलू स्तर पर ऊर्जा की बढ़ती कीमतों और राजनीति में विपक्ष के दबाव के कारण पाकिस्तान सरकार को फरवरी में बिजली और ईंधन की कीमतों पर राहत देने वाली एक अखबार की खबर में कहा गया ‎कि पाकिस्तान सरकार के इन कदमों से घरेलू कीमतों में उतार-चढ़ाव भले कम हुआ हो

लेकिन इससे सरकार का बजट का भार बढ़ गया। चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि घटकर 4.3 फीसदी रहने का अनुमान है जो पिछले वर्ष 5.6 फीसदी थी और अगले वर्ष इसके महज चार फीसदी रहने का अनुमान है।