सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एंटीबायोटिक दवाओं के तार्किक उपयोग पर जागरूकता के लिए 24 नवंबर तक विश्व एंटीबायोटिक जन जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्ष यह सप्ताह “एंटीमाइक्रोबिअल्स हैंडल विथ केयर” की थीम पर मनाया जा रहा है। सप्ताह के दौरान एंटीबायोटिक के तार्किक उपयोग के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
एंटीमाइक्रोबिअल्स रेजिस्टेंस (एएमआर) तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगी और परजीवी समय के अनुरूप खुद में बदलाव कर लेते है और इन पर दवाओं की अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं हो पाती है। दवा प्रतिरोध के परिणामस्वरूप, एंटीबायोटिक्स और अन्य रोगाणुरोधी एजेंट अप्रभावी हो जाते हैं और संक्रमण का इलाज करना मुश्किल या असंभव हो जाता है, जिससे बीमारी फैलने, गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। मई 2015 में 68वी विश्व स्वास्थ्य सभा में एंटीबायोटिक दवाओं और अन्य रोगाणुरोधी दवाओं के प्रति प्रतिरोध की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एक वैश्विक कार्य योजना बनाई गई थी। योजना का एक प्रमुख उद्देश्य प्रभावी संचार के माध्यम से एएमआर के बारे में जागरूकता और समझ में सुधार करना है।
एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को राज्य एंटीबायोटिक पॉलिसी एवं स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन के अनुसार प्रिसक्रिप्शन के लिए उन्मुखीकरण किया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रभावी एवं गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के लिए एंटीबायोटिक के यथोचित उपयोग किए जाने के लिए राज्य शासन द्वारा एंटीबायोटिक पॉलिसी बनाई गई है और इसके प्रभावी परिणाम भी परिलक्षित हो रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि कोई भी दवा, विशेषकर एंटीबायोटिक दवाएं बिना चिकित्सक की सलाह के कभी भी नहीं लेनी चाहिए। जागरूकता सप्ताह के दौरान स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी प्रिस्क्रिप्शन ऑडिट करवाया जा रहा है। आमजन को एंटीबायोटिक के फायदे एवं चिकित्सकीय सलाह के बिना एंटीबायोटिक के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जा रही है।
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