सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में 24.12.2024 तक नटाङ्कुश एवं अभिनयदर्पण विषय पर हैमन्तीय-कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसका परिसर के भवभूति प्रेक्षागर में किया गया। मुख्यातिथि के रूप में राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व कुलपति राधावल्लभ त्रिपाठी उपस्थित होकर नटाङ्कुश और अभिनय दर्पण पर विस्तृत चर्चा किया ।
अपने भाषण में नटांकुश की सर्वव्यापकता को बताते हुए कहा कि यह वस्तुत: शास्त्रीय ग्रन्थ है।
निदेशक त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों को आश्चर्य चूड़ामणि और अभिज्ञान शाकुन्तल चर्चा जैसे कुछ पुस्तकों को पढ़ने का निर्देश भी दिया। संस्कृत नाटकों में 9वीं एवं 10वीं शताब्दी के बाद बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है । निदेशक त्रिपाठी 4 दिनों तक प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक अपने अनुभव एवं ज्ञान से प्रतिभागियों को सिंचित करेंगे । सभाध्यक्ष परिसर के निदेशक रमाकान्त पाण्डेय ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कार्यशाला के माहात्म्य पर प्रकाश डाला।
नटाङ्कुश जैसे महनीय ग्रन्थ पर यह भारत की पहली कार्यशाला है । प्रास्ताविक भाषण कार्यशाला के संयोजक सनन्दन कुमार त्रिपाठी ने
दिया। आये हुए अतिथियों एवं प्रतिभागियों का वाचिक स्वागत परिसर के सह-निदेशक नीलाभ तिवारी ने किया । धन्यवाद ज्ञापन संगीता गुंदेचा ने किया। संचालन शीतांशु त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर
परिसर के सभी प्राध्यापक एवं कार्यशाला में भाग ग्रहण करने वाले प्रतिभागी उपस्थित रहे। कल्याण मंत्र के साथ उद्घाटन सत्र संपन्न हुआ ।
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