सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : विनपे, जो लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने वाला एक गैर-लाभकारी मंच है, ने मुंबई के ताज लैंड्स एंड में तीसरे संस्करण के विनपे लीडरशिप समिट एंड अवॉर्ड्स (WLSA) का सफल आयोजन किया। इस आयोजन में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल (PE-VC) क्षेत्र के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया और निवेश पारिस्थितिकी तंत्र में विविधता, समानता और समावेशन (DEI) की आवश्यकता पर चर्चा की। इसके बाद एक पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया, जिसमें उद्योग में प्रभावशाली बदलाव लाने वाले संस्थानों और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
निवेश का यह पारिस्थितिकी तंत्र अब भी पुरुष-प्रधान बना हुआ है, जहां नेतृत्व भूमिकाओं में महिलाओं की कमी उनके लिए बाधाएँ खड़ी करती है — इससे महिला उद्यमियों के लिए अवसर सीमित होते हैं और नेटवर्किंग व मेंटरशिप तक पहुंच कठिन हो जाती है। भारत के PE-VC सेक्टर में लैंगिक विविधता में कुछ सुधार जरूर हुआ है, लेकिन नेतृत्व स्तर पर अब भी बड़ी खाई मौजूद है।
वॉरबर्ग पिनकस, क्रिसकैपिटल, मल्टीपल्स अल्टरनेट एसेट मैनेजमेंट, एवरस्टोन कैपिटल, गजा कैपिटल, पीक XV पार्टनर्स, फायरसाइड वेंचर्स, AZB & पार्टनर्स, ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट (BII), और कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) जैसी अग्रणी PE-VC कंपनियाँ विनपे के साथ मिलकर निवेश पारिस्थितिकी तंत्र में लैंगिक विविधता और समावेशन को प्रोत्साहित कर रही हैं।
2020 में भारत की 25 प्राइवेट इक्विटी कंपनियों पर आधारित एक सर्वेक्षण में यह सामने आया कि कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 16% थी, जबकि वरिष्ठ नेतृत्व में उनकी हिस्सेदारी सिर्फ 5% थी। सीएफए इंस्टीट्यूट रिसर्च एंड पॉलिसी सेंटर की ‘माइंड द जेंडर गैप’ रिपोर्ट के अनुसार, कुल कार्यबल में महिलाएं 20% से कम हैं और प्रमुख प्रबंधकीय भूमिकाओं (KMP) में उनकी भागीदारी केवल 10% है। यह आंकड़े यह दिखाते हैं कि निर्णय-निर्माण के महत्वपूर्ण स्तरों पर महिलाओं की भागीदारी गंभीर रूप से कम है।
इन चुनौतियों को स्वीकारते हुए विनपे की संस्थापक नूपुर गर्ग ने कहा,
“इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि विविधता बेहतर रिटर्न लाती है, फिर भी PE-VC सेक्टर में महिलाओं की हिस्सेदारी 20% से कम है और नेतृत्व में वे गंभीर रूप से अल्पसंख्यक हैं। आज के दौर में, जहां DEI को समर्थन और विरोध दोनों मिल रहे हैं, वहाँ मौन समर्थन पर्याप्त नहीं है। विनपे लीडरशिप समिट एंड अवॉर्ड्स 2025 एक आह्वान है — इरादों से परिणाम की ओर, बातचीत से ठोस बदलाव की ओर। निवेश का भविष्य अब मेरिट और समावेशन पर आधारित होना चाहिए, न कि पुराने भेदभावपूर्ण ढांचों पर।”
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