सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: असल में, जेट प्लेन की लैंडिंग के दौरान आतिशबाजी या फ्लेयर का उपयोग अक्सर विमान की सुरक्षा के लिए किया जाता है, और इसे एयरपोर्ट या पायलट्स द्वारा खुद से किया जाता है. हालांकि, यह आमतौर पर बहुत दुर्लभ मामलों में होता है. आतिशबाजी या फ्लेयर का इस्तेमाल कुछ विशेष परिस्थितियों में किया जाता है, जैसे कि विमान को इमरजेंसी में लैंड करना हो, या जब विमान का कम्युनिकेशन सिस्टम खराब हो और उसे लैंडिंग के लिए विज़ुअल सिग्नल की जरूरत हो |
फ्लेयर या आतिशबाजी के जरिए लैंडिंग को दो मुख्य कारणों से किया जा सकता है:
इमरजेंसी सिग्नल: अगर विमान में तकनीकी खराबी आ जाती है और रेडियो सिग्नल्स काम नहीं कर रहे हैं, तो ग्राउंड क्रू या रनवे पर फ्लेयर छोड़ने से पायलट को एक विज़ुअल संकेत मिलता है कि लैंडिंग की अनुमति है या कुछ इमरजेंसी प्रोटोकॉल्स फॉलो करने हैं |
पक्षियों को दूर रखना: कुछ एयरपोर्ट्स पर यह एक तरीका भी होता है कि फ्लेयर का इस्तेमाल किया जाए ताकि रनवे से पक्षियों को दूर रखा जा सके. इससे पक्षियों के टकराने का खतरा कम हो जाता है, जो प्लेन के लिए एक बड़ी समस्या हो सकती है |
यह ध्यान देने योग्य है कि हर बार लैंडिंग के दौरान आतिशबाजी नहीं होती, बल्कि यह विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है |