सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : देश में महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर है। मई 2025 में थोक महंगाई दर घटकर 0.39% पर आ गई, जो पिछले 14 महीनों का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले अप्रैल में यह 0.85% और मार्च में 0.53% थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 16 जून को यह आंकड़े जारी किए। महंगाई में यह गिरावट मुख्य रूप से खाने-पीने के सामान और रोजमर्रा की आवश्यक चीजों की कीमतों में कमी के कारण आई है।
किन सेक्टर्स में आई गिरावट:
प्राइमरी आर्टिकल्स: -2.02% (अप्रैल में -1.44%)
फूड इंडेक्स: 1.72% (अप्रैल में 2.55%)
फ्यूल एंड पावर: -2.27% (अप्रैल में -2.18%)
मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स: 2.04% (अप्रैल में 2.62%)
इसके साथ ही 12 जून को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा महंगाई दर भी मई में गिरकर 2.82% पर आ गई, जो 6 साल का सबसे निचला स्तर है।
थोक महंगाई क्या है और इसका असर:
WPI यानी होलसेल प्राइस इंडेक्स उस कीमत को दर्शाता है जो थोक बाजार में व्यापारी एक-दूसरे से वसूलते हैं। इसका असर लंबी अवधि में उत्पादन लागत और उपभोक्ता कीमतों पर पड़ता है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार टैक्स में कटौती जैसे कदम उठाती है।
थोक महंगाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स का वेटेज 64.23%, प्राइमरी आर्टिकल्स का 22.62% और फ्यूल एंड पावर का 13.15% होता है।
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