सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : रूस की यात्रा पर गए भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की जोरदार अपील की है और पाकिस्तान पर कट्टरपंथी तत्वों को सक्रिय रूप से पालने का गंभीर आरोप लगाया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की सांसद कनीमोई करुणानिधि कर रही हैं। उन्होंने मॉस्को में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के वैश्विक प्रभाव पर चिंता व्यक्त की और विशेष रूप से रूस जैसे दीर्घकालिक साझेदार देशों से भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में समर्थन की मांग की।

डॉ. अशोक कुमार मित्तल, राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा,

“पूरी दुनिया उस आतंकवाद से त्रस्त है जिसे पाकिस्तान ने पाला-पोसा है। भारत ने इसका भारी खामियाजा भुगता है, लेकिन भारत अब आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मुहिम का अग्रदूत बनना चाहता है, क्योंकि हमने हर स्तर पर आतंकवाद को झेला है और हम नहीं चाहते कि अन्य देश भी उसी पीड़ा से गुजरें। भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ में विश्वास करता है, जिसका अर्थ है कि पूरा विश्व एक परिवार है।”

कनीमोई करुणानिधि ने कहा,

“हम उन घटनाओं से जुड़ी गलत जानकारी को स्पष्ट करना चाहते हैं, जो फैलाई गई है। भारत यह संदेश देना चाहता है कि हम परमाणु हथियारों की धमकी से डरने वाले नहीं हैं। हम अपनी अखंडता के लिए लड़ेंगे। हम आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहेंगे और रूस जैसे देशों से समर्थन की अपेक्षा करते हैं।”

डॉ. मित्तल ने भारत की सांस्कृतिक अवधारणा ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का उल्लेख करते हुए वैश्विक शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि भारत सहयोग और सह-अस्तित्व में विश्वास करता है।

प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं, जिनमें समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय, भारतीय जनता पार्टी के सांसद कैप्टन बृजेश चौटा, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद प्रेमचंद गुप्ता, आम आदमी पार्टी के सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल और भारत के पूर्व राजदूत मंजीव सिंह पुरी शामिल हैं।

रूस की यह यात्रा एक बहु-देशीय अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है जिसमें स्लोवेनिया, ग्रीस, लातविया और स्पेन जैसे देश भी शामिल हैं। इस यात्रा का उद्देश्य भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक मंच पर मजबूत रूप से प्रस्तुत करना है, विशेषकर हाल ही में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों के संदर्भ में।