सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल :वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने बुधवार को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया।

जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, अब यह रिपोर्ट गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने पेश की जाएगी। उसके आगे की कार्यवाही वह करेंगे।

कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, हमें कल रात 655 पन्नों की ड्रॉफ्ट रिपोर्ट मिली। 655 पन्नों की रिपोर्ट को रातों-रात पढ़ना असंभव है। मैंने असहमति जताई है और संसद में भी इस विधेयक का विरोध करूंगा।

असहमति जताने के लिए शाम 4 बजे तक का समय दिया गया अब तक तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और नदीमुल हक के साथ-साथ DMK सांसद ए राजा, आप नेता संजय सिंह और शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत और असदुद्दीन ओवैसी ने औपचारिक रूप से अपनी असहमति दर्ज करा दी है। बाकी सदस्यों को 29 जनवरी की शाम 4 बजे तक असहमति जताने का समय दिया गया है।

DMK सांसद ए राजा बोले- वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

DMK ने इस बिल के पारित होने के बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की बात कही है। JPC के सदस्य डीएमके सांसद ए राजा ने दावा किया कि यह प्रस्तावित कानून असंवैधानिक होगा और उनकी पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। समिति में किए गए तर्क और प्रस्तुत किए गए दस्तावेज इस कानून को चुनौती देने में मदद करेंगे।

ए राजा ने कहा कि BJP सांसद जगदंबिका पाल ने समिति की कार्यवाही अपनी मर्जी से चलाई। उन्होंने इस प्रक्रिया का मजाक बना दिया। मुझे लगता है कि रिपोर्ट भी पहले से तैयार है।

JPC में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स JPC की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि BJP दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।

भाजपा सांसद बोले- विपक्ष नहीं चाहता रिपोर्ट पेश की जाए दिल्ली में हुई मीटिंग पर JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा- मैंने सभी जेपीसी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि जब मैंने उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश की, तो उन्होंने नारेबाजी, शोर मचाना, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और खूब हंगामा किया। विपक्षी सांसद बैठक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की। बैठक की कार्यवाही को रोकना उनकी रणनीति का हिस्सा है और वे नहीं चाहते कि रिपोर्ट पेश की जाए।

बजट सत्र में पेश की जाएगी रिपोर्ट, 4 अप्रैल से शुरू जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।

22 अगस्त को पहली बैठक हुई थी संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था।

विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के JPC को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी। बिल में 44 अमेंडमेंट्स पर चर्चा होनी थी।

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