सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की 100% क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ADR समेत अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनारायण और संजय हेगड़े पैरवी कर रहे हैं। प्रशांत भूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से पेश हुए। वहीं चुनाव आयोग की ओर से एडवोकेट मनिंदर सिंह मौजूद हैं।
10 मिनट पहले
चुनाव आयोग ने कहा- बार कोड से गिनती संभव नहीं
बेंच ने सवाल किया कि क्या बार कोड से काउंटिंग नहीं हो सकती है? चुनाव आयोग ने जवाब में कहा- पर्चियां छोटी और चिपचिपी होती हैं। इस इलेक्शन में बार कोड से गिनती नहीं की जा सकती है। जस्टिस खन्ना ने कहा- इस चुनाव की बात नहीं कर रहा हूं, क्या भविष्य में ये संभव है?
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जस्टिस खन्ना: 5 हजार से साढ़े सात हजार पर्चियों की गिनती होती है। इसमें 5 घंटे क्यों लगते हैं। बार कोड से काउंटिंग नहीं हो सकती है।
चुनाव अधिकारी: पर्चियां छोटी और चिपचिपी होती हैं। इस इलेक्शन में बार कोड से गिनती नहीं की जा सकती है।
जस्टिस खन्ना: इस चुनाव की बात नहीं कर रहा हूं, क्या भविष्य में ये संभव है?
01:00 PM
18 अप्रैल 2024
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चुनाव अधिकारी: चुनाव के बाद मशीनें स्ट्रॉन्ग रूम में जाती हैं। कैंडिडेट्स की मौजूदगी में इसे सील किया जाता है। कैंडिडेट्स की मौजूदगी में ही इसे गिनती के दिन खोला जाता है। सभी कैंडिडेट्स को 17C की कॉपी दी जाती है। काउंटिंग रूम में राउंड वाइज काउंटिंग की जाती है। मशीन में 2000 वोट स्टोर होते हैं।
जस्टिस खन्ना: आपका प्रिंटर तो सिर्फ 1500 प्रिंट ले सकता है। क्या ये संभव है कि एक आदमी को 2 वोट मिल जाएं।
चुनाव अधिकारी: ये संभव नहीं है।
जस्टिस खन्ना: गलतियां संभव हैं।
12:31 PM
18 अप्रैल 2024
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जस्टिस खन्ना: आम आदमी कैसे पता करेगा कि वोट डाला जा चुका है?
चुनाव अधिकारी: हम इसके लिए जागरूकता अभियान चलाते हैं, डेमोन्ट्रेशन भी होता है।
जस्टिस खन्ना: हम वोटिंग के बाद एक रजिस्टर साइन करते हैं। क्या ऐसी कोई व्यवस्था है कि रजिस्टर में दिए नंबर से कितने वोट दिए गए हैं, इसका मिलान हो।
चुनाव अधिकारी: सुविधा के हिसाब से इसे किया जाता है। चुनाव अधिकारी टोटल का बटन दबा सकता है।
जस्टिस खन्ना: मान लीजिए 17ए और 17सी में कोई गड़बड़ी हो। ऐसा कितनी बार होता है।
चुनाव अधिकारी: इनबिल्ट करेक्शन होता है।
12:27 PM
18 अप्रैल 2024
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जस्टिस खन्ना: कितने स्ट्रॉन्ग रूम रहते हैं।
चुनाव अधिकारी: लोकसभा चुनाव के लिए 8 और विधानसभा के लिए 1-2
जस्टिस खन्ना: एक मिनट में कितने वोट डाले जा सकते हैं?
चुनाव अधिकारी: आमतौर पर 4 से कम वोट।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा: केरला में मॉकपोल के दौरान EVMs में भाजपा के फेवर में ज्यादा वोट रिकॉर्ड किए जाने का आरोप लगाया गया था, उसे भी देखिए।
12:26 PM
18 अप्रैल 2024
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चुनाव अधिकारी: मशीनों को लोकसभा क्षेत्रों में भेजा जाता है। कोई भी अवैध यूनिट नहीं जोड़ी जा सकती है। ये केवल अपनी यूनिट को पहचानती हैं।
जस्टिस खन्ना: तो मैन्युफैक्चरर ये नहीं जानता है कि कौन सा बटन किस पार्टी को दिया गया है।
चुनाव अधिकारी: हां, इसके अलावा यह भी कि कौन सी मशीन किस लोकसभा क्षेत्र में भेजी जा रही है।
जस्टिस खन्ना: तो स्टोरेज इलेक्शन प्रोसेस शुरू होने के पहले ही हो जाती है।
चुनाव अधिकारी: हां, और स्ट्रॉन्ग रूम, जहां मशीनें होती हैं, उन्हें अकेले कोई नहीं खोल सकता है। 100 फीसदी मशीनें मॉक टेस्ट पास करती हैं। कैंडिडेट्स कोई भी 5 मशीनें चुन सकता है। ये प्रक्रिया चुनाव के दिन फिर दोहराई जाती है। वीवीपैट स्लिप निकाली जाती हैं और गिनी जाती हैं और इनका मिलान होता है। हर मशीन की पेपर सील अलग होती है। मशीन जब लाई जाती है तो सील नंबर चेक किए जा सकते हैं।
12:20 PM
18 अप्रैल 2024
कोर्ट रूम LIVE
जस्टिस खन्ना: आपके पास कितनी वीवीपैट मशीने हैं? करीब 2 करोड़। ये ईवीएम के बराबर नहीं हैं? आप प्रोग्राम मेमोरी को दोबारा नहीं बना सकते हैं।
चुनाव अधिकारी: नहीं, ये चिप में जाती है, जिसे बदला नहीं जा सकता है।
जस्टिस खन्ना: अगर कैंडिडेट सॉफ्टवेयर मैन्युफैक्चरिंग पर सवाल उठाता है तो?
चुनाव अधिकारी: इसे पब्लिकली नहीं दिखाया जा सकता है।