उत्तर बस्तर कांकेर,। अन्तर्राष्ट्रीय चांवल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. यू.एस.सिंह एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ.एस.एस. कोटरयाने एवं डॉ. असग त्रिपाठी द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के विभिन्न ईकाईयों कड़कनाथ हैचरी, समन्वित कृषि प्रणाली, पोषण वाटिका, बीज प्रक्रिया केन्द्र, केंचुआ खाद उत्पादन ईकाई के साथ-साथ जिला प्रशासन के सहयोग से केन्द्र में संचालित लघु धान्य प्रसंस्करण ईकाई एवं कृषकों के यहॉ समन्वित कृषि प्रणाली, लाख उत्पादन, सामूहिक सब्जी उत्पादन मॉडल का शनिवार को अवलोकन किया गया।
इस आशय की जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीरबल साहू ने बताया कि कांकेर कृषि विज्ञान केन्द्र में स्थापित लघु धान्य प्रसंस्करण के तर्ज पर बायो-फोटिफाईड राईस की प्रसंस्करण संभावनाओं एवं कृषकों के यहॉ स्थानीय परिस्थिति का अवलोकन कर छत्तीसगढ़ राज्य एवं कांकेर जिले के लिए परियोजना निर्माण करने के उद्देश्य से भ्रमण किया गया।