सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: विश्वरंग मॉरिशस के ऐतिहासिक आयोजन में भागीदारी कर भोपाल लौटे प्रतिनिधियों ने होटल पलाश में आयोजित “विश्वरंग वार्ता” में अपने रचनात्मक अनुभवों को साझा करते हुए कई रोचक एवं महत्वपूर्ण वाकये बयां किए।
इस अवसर पर संतोष चौबे, निदेशक, विश्व रंग एवं कुलाधिपति, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (भोपाल, भारत) ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि श्री प्रवीण कुमार जगनाथ, प्रधानमंत्री, मॉरीशस गणराज्य ने विश्वरंग मॉरिशस में पधारकर महोत्सव की गरिमा बढ़ाई और कहा कि हिंदी के वैश्विक प्रचार–प्रसार व साहित्य, कला, संस्कृति के लिए समर्पित विश्व रंग 2024 के भव्य आयोजन ने मॉरीशस में हिंदी के वैश्विक विस्तार की जमीन तैयार की है।
विश्व रंग ने भारत और मॉरीशस के सांस्कृतिक– शैक्षिक संबधों को मजबूती प्रदान करने का भी महत्वपूर्ण कार्य किया है। विश्व रंग के विभिन्न सत्रों में हुए वैचारिक विमर्श से जो विचार हमारे सामने आए हैं, हम मिलकर उस दिशा में सार्थक कदम बढ़ाएँगे। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तथा महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग (एम.ओ.यू.) होना आपसी समन्वय से दीर्घकाल तक रचनात्मक और सृजनात्मक कार्यों के अवसर उपलब्ध कराएगा। विश्व रंग के ऐतिहासिक आयोजन और एम.ओ.यू. के लिए विश्व रंग के निदेशक व रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय संतोष चौबे को बहुत–बहुत हार्दिक बधाई दी।
श्री चौबे ने आगे कहा कि रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तथा महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग (एम.ओ.यू.) का होना दोनों देशों को भाषा, शिक्षा, साहित्य, कला, संस्कृति की दिशा में आपस में मिलजुलकर रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा देने के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
विश्व रंग 2024 का मॉरीशस में भव्य, अद्भुत और ऐतिहासिक आयोजन
भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति के इन्द्रधनुषी रंगों से सराबोर एशिया के सबसे विराट महोत्सव ‘विश्वरंग’ का छटवाँ सोपान हिंद महासागर में स्थित समुद्र तटों और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध सुंदर देश ‘मॉरीशस’ में पूर्ण भव्यता के साथ आयोजित हुआ। 7,8 और 9 अगस्त 2024 को भारत–मॉरीशस सहित रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, यू.के., अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, केन्या, इंडोनेशिया, बेहरीन, यू.ए.ई., साइप्रस, श्रीलंका, मलेशिया, नाइजीरिया, न्यूजीलैंड, नेपाल, कतर, सूरीनाम से रचनाकार–कलाकार एवं शिक्षाविद् हिंदी का परचम लहराने विश्व रंग के वैश्विक मंच पर एक साथ एकत्रित हुए।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय,विश्व रंग सचिवालय के कुशल नेतृत्व में विश्व हिंदी सचिवालय (मॉरीशस) की मुख्य मेजबानी में आयोजित विश्व रंग 2024 ने मॉरीशस की सरजमीं से वैश्विक पटल पर एक सुनहरी इबारत गढ़ी है।
तीन दिवसीय ‘विश्व रंग 2024’ टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव में मॉरीशस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन, प्रधानमंत्री,प्रवीण कुमार जगनाथ, उप प्रधानमंत्री लीला देवी दुकन, भारत की महामहिम उच्चायुक्त नंदनी के. सिंगला (मॉरीशस) सहित मॉरीशस के कई माननीय मंत्रीगण, अधिकारीगण एवं वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपनी गरिमामय उपस्थिति और प्रेरणादायक ओजस्वी उद्बोधनों से इसे नई ऊँचाइयाँ प्रदान की।
टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र ,टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र , महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट (मॉरीशस), रबीन्द्रनाथ टैगोर इंस्टीट्यूट (मॉरीशस), हिंदी स्पीकिंग यूनियन (मॉरीशस), हिंदी प्रचारिणी सभा (मॉरीशस), इंदिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र (मॉरीशस), मॉरीशस ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (मॉरीशस), वनमाली सृजन पीठ (भारत) एवं देश–विदेश के 50 से अधिक संस्थानों के सहयोग ने ‘विश्व रंग 2024’ के ‘मॉरीशस’ में आयोजन को सदैव के लिए अविस्मरणीय बना दिया। विश्व रंग के मॉरीशस में भव्य, अद्भुत और ऐतिहासिक आयोजन से वैश्विक स्तर पर हिंदी को आगे ले जाने के अब कई रास्ते खुले हैं।
टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र की स्थापना
आपने आगे कहा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय परिसर में ‘टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र’ स्थापना की गई है। यह केंद्र हिंदी के लिए वैश्विक स्तर पर मिशन के रूप में विभिन्न देशों में केन्द्रों की स्थापना करते हुए अनवरत रचनात्मक कार्यों को संपादित करेगा। केंद्र के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी पठन– पाठन के लिए हिंदी अर्जन पाठ्यक्रम का निर्माण किया गया। मानकीकरण और प्रमाणीकरण का कार्य भी किया गया है। अंतरराष्ट्रीय हिंदी मिशन से हम पूरे विश्व में एक करोड़ लोगों को हिंदी पठन–पाठन कार्यक्रम से जोड़ेंगे।
अफ्रो–एशिया अंतरराष्ट्रीय विश्व रंग सम्मान की घोषणा
विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे ने इस अवसर पर घोषणा करते हुए कहा कि विश्व रंग 2025 से ‘शिक्षा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर कार्य करने वाली शख्सियत को ‘अफ्रो–एशिया अंतरराष्ट्रीय विश्व रंग सम्मान’ से अलंकृत किया जाएगा।
वैश्विक स्तर पर किया जाएगा अनुवाद का कार्य
टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र के साथ ही ‘बहुभाषा अनुवाद केन्द्र’ की स्थापना भी रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल में की गई। वैश्विक स्तर पर अनुवाद के कार्य को बढ़ावा देना इस केंद्र का मुख्य ध्येय है। हमने विश्व रंग के अंतर्गत ‘ए जरनी इन टाइम’ के अंतर्गत भारत के 51 कहानीकारों की हिंदी कहानियों को अंग्रेजी में अनुदित कर दो खंडों में प्रकाशित किया गया है। इसे पाठकों ने काफी सराहा। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने इन्हें उर्दू, मलयालम, उड़िया, मराठी एवं बांग्ला में भी दो-दो खंडों में प्रकाशित किया गया। हमारा मानना है की भारतीय भाषाओं के बीच रचनात्मक आवाजाही बनी रहना चाहिए। हिंदी सहित हमारी सभी भारतीय भाषाएँ और स्थानीय बोलियाँ को आपसदारी वाला गहरा नाता है। सभी आपस में एक दूसरे से रस ग्रहण करती है।
वैश्विक स्तर होगा ‘हिंदी ओलम्पियाड का भव्य आयोजन
विश्व रंग के अंतर्गत 50 से अधिक देशों में ‘हिंदी ओलम्पियाड’ का आयोजन किया जाएगा। इसमें विभिन्न स्तर पर कहानी, कविता, गीत, कथेतर गद्य, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, खेती की नई तकनीक, विज्ञान लेखन, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, आर्टिफिशियल इंटलीजेंस जैसे विषयों पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इनमें दस लाख विद्यार्थियों–प्रतिभागियों को सम्मिलित किया जाएगा।