सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर बीएमएचआरसी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज, नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर बारूक सैमुअल ब्लमबर्ग ने की थी, उन्हे सम्मान देने के लिए उनके जन्मदिन पर ही यह दिवस मनाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि बीएमएचआरसी में पिछले 25 वर्षों से गैस पीड़ित मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। राष्ट्रीय नियंत्रण कार्यक्रम में बीएमएचआरसी को नामांकित किए जाने से अब गैर गैस पीड़ित मरीजों को भी जीवन पर्यन्त हेपेटाइटिस बीमारी के लिए निःशुल्क उपचार सुविधा मिल सकेगी, जिसमें HBV DNA, HCV RNA जैसी महंगी जाँचे, टीकाकरण और दवाएं शामिल हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान की प्रभारी डा. मनीषा श्रीवास्तव ने कहा कि इस बार विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाने के लिए WHO ने थीम दी है- इट्स टाइम फॉर एक्शन, यानि अब इस क्षेत्र में बातें कम और काम ज्यादा करना ही होगा। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि विश्व में बहुत से लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं। इनमें से अधिकांश लोग अपने संक्रमण से अनजान हैं और वायरस संचारित करते रहते हैं। इसलिए उनमें गंभीर दीर्घकालिक यकृत रोग विकसित होने का खतरा अधिक होता है और वे अनजाने में वायरस को अन्य लोगों तक पहुंचा सकते हैं। अब हेपेटाईटिस की रोकथाम के लिए वेक्सीनेशन भी उपलब्ध है। इसकी दवाएं फ्री मिलने लगी हैं और टेस्ट भी फ्री होने लगे हैं। रक्तदान से पहले रक्त का परीक्षण किया जाना जरूरी है, जिससे इस रोग को फैलने से रोका जा सकता है। हेपेटाइटिस से जुड़ी बीमारियों में लिवर का फैटी होना भी एक लक्षण है। फैटी लिवर होने का कारण, जेनेटिक और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाना भी हो सकता है। फैटी लिवर अल्कोहलिक और नॉन- अल्कोहलिक दोनों ही प्रकार के लोगों का हो सकता है। ऐसे में जागरूक रहकर समय पर जांच और इलाज से ही सुरक्षा की जा सकती है।
कार्यशाला में दिल्ली से आईं, यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (ILBS) में ट्रान्स्फ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर डॉ मीनू बाजपेई ने अपने प्रिजेंटेशन के द्वारा विस्तार से जानकारी दी और बताया कि हेपेटाइटिस वायरस 5 प्रकार के होते हैं ए, बी, सी, डी और ई। सभी हेपेटाइटिस वायरस लिवर में तीव्र संक्रमण और सूजन का कारण बन सकते हैं, लेकिन हेपेटाइटिस बी, सी और डी वायरस के संक्रमण के कारण क्रोनिक हेपेटाइटिस भी हो सकता है। वायरल हेपेटाइटिस बी और सी प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियाँ और लिवर कैंसर का मूल कारण है।
डॉ दिनेश उपाध्याय, नेफ़्रोलॉजिस्ट ने जानकारी दी कि डायलिसिस के मरीजों में हेपेटाइटिस का संक्रमण जल्दी होने के कारण अतिरिक्त सावधानी आवश्यक है साथ ही गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाना जरूरी है। वायरल हेपेटाइटिस से लड़ने के प्रयासों में बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ,टीकाकरण, सुरक्षित यौन संबंध और सुरक्षित इंजेक्शन प्रथाओं को बढ़ावा देकर रोकथाम में सुधार करना, और जिन्हें इसकी आवश्यकता है उन सभी लोगों के लिए परीक्षण और उपचार की एक समान पहुंच सुनिश्चित करना है।
कार्यशाला में ग्रुप डिस्कशन भी किया गया, जिसमें डॉ मीनू बाजपेई, डॉ सचिन गुप्ता, डॉ सारांश जैन, डॉ प्रणव रघुवंशी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की डिप्टी डायरेक्टर डॉ रूबी खान और डॉ जितेंद्र मलिक ने भाग लिया।
इस अवसर पर नेफ़्रोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी दिये गए।