सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देशभर में उन्नत आपातकालीन देखभाल प्रणालियों के विकास के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान प्राथमिकता परियोजना की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत देश के पांच जिलों में पर उच्च-गुणवत्ता वाली रोगी-केंद्रित एकीकृत आपातकालीन देखभाल प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें विदिशा (मध्य प्रदेश), लुधियाना (पंजाब), वडोदरा (गुजरात), पुरी (ओडिशा), और पुदुचेरी शामिल हैं।
विदिशा में केंद्रीय मंत्री कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय आपातकालीन चिकित्साम सेवा परियोजना का लोकार्पण किया। इस अवसर पर निदेशक चौहान ने कहा “यह मेरे लिए गर्व की बात है कि विदिशा को ICMR की राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान प्राथमिकता परियोजना के तहत पांच जिलों में से एक के रूप में चुना गया है।
यह पहल आपातकालीन सेवाओं में हृदयाघात, मस्तिष्क आघात, आघात, मातृ और नवजात संकट जैसी सात प्रमुख आपात स्थितियों का समाधान करेगी, जिनमें त्वरित और विशेष उपचार की आवश्यकता होती है। विदिशा में उच्च-गुणवत्ता वाले रोगी-केंद्रित एकीकृत आपातकालीन देखभाल मॉडल की स्थापना से गंभीर परिस्थितियों में लोगों को समय पर और प्रभावी चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। यह AIIMS भोपाल, ICMR और मध्य प्रदेश सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है, जो हमारे स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करेगा। इस पहल से आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाकर, हम न केवल लोगों के जीवन को सुरक्षित कर रहे हैं, बल्कि अनावश्यक मौतों को भी कम कर रहे हैं। इस ऐतिहासिक परियोजना में विदिशा का चयन यह दर्शाता है कि हम अपने लोगों के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं इस महत्वपूर्ण पहल के पीछे की दूरदर्शिता और सभी भागीदारों के समर्पण की सराहना करता हूं।”
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने इस परियोजना की सहयोगात्मक प्रकृति पर जोर देते हुए कहा कि यह परियोजना क्षेत्र में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति लाने की क्षमता रखती है, जिसमें उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकी और केंद्रित प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। प्रोफेसर सिंह ने कहा, “यह परियोजना भारत में आपातकालीन देखभाल को उन्नत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके और एम्स भोपाल, आईसीएमआर और राज्य सरकार के बीच सहयोग को मजबूत करके, हम एक स्थायी, रोगी-केंद्रित मॉडल तैयार करेंगे, जो न केवल जान बचाएगा, बल्कि आपातकालीन सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा।”
मध्यिप्रदेश में इस महत्वाकांक्षी पहल का नेतृत्व एम्स भोपाल कर रहा है, जो आईसीएमआर और राज्य सरकार के साथ मिलकर विदिशा जिले में परियोजना का क्रियान्वयन करेगा। इस परियोजना का उद्देश्य आपातकालीन देखभाल प्रणाली को बेहतर बनाना है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के लॉजिस्टिक्स में सुधार, स्वास्थ्यकर्मियों की दक्षता बढ़ाना, आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का समन्वय, और स्वास्थ्य सुविधाओं का मानचित्रण शामिल है। इस पहल के तहत सात गंभीर आपातकालीन स्थितियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिनमें हृदयाघात, ब्रेन स्ट्रोक, आघात (ट्रॉमा), साँप के काटने, विषाक्तता, श्वसन आपातकालीन स्थिति, साथ ही नवजात और मातृ आपातकालीन स्थिति शामिल हैं।
इस अवसर पर एम्स भोपाल के स्किल लैब और परियोजना कार्यालय का उद्घाटन और ई-आईसीयू सेवाओं की शुरुआत भी की गई। इस मॉडल के विकास और क्रियान्वयन के लिए एम्स भोपाल के अतिरिक्त प्रोफेसर सौरभ सैगल के नेतृत्व में एक अनुसंधान टीम का गठन किया गया है, जो राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। यह परियोजना भारत में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सहयोग, उन्नत प्रौद्योगिकी और व्यापक प्रशिक्षण के माध्यम से एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाती है।
इस अवसर पर विदिशा के विधायक मुकेश टंडन के अतिरिक्ता मध्यपप्रदेश शासन के राज्यस मंत्री (स्वेतंत्र प्रभार), लखन पटेल के अलावा बड़ी संख्याभ में स्थानीय लोग उपस्थित थे।