सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : 1984 में रिलीज हुई अनुपम खेर की डेब्यू फिल्म ‘सारांश’ को 40 साल पूरे हो चुके हैं। इस फिल्म को महेश भट्ट ने डायरेक्ट किया था। हाल ही में महेश और अनुपम ने फिल्म के 40 साल पूरे होने की खुशी में एक इवेंट रखा।
इस मौके पर दोनों कलाकारों ने फिल्म से जुड़ी यादें और किस्से शेयर किए। इवेंट में महेश भट्ट ने बताया कि जब दिवंगत गजल सम्राट जगजीत सिंह के बेटे का निधन हुआ था तब उन्हें अपने बेटे की डेडबॉडी हासिल करने के लिए जूनियर ऑफिसर्स को रिश्वत देनी पड़ी थी।
तब जगजीत को समझ आई थी मेरी फिल्म की अहमियत: महेश
इवेंट में फिल्म पर बात करते हुए महेश ने कहा, ‘‘जब जगजीत सिंह के बेटे का निधन हुआ था तब उन्होंने मुझे बताया था कि बेटे की डेडबॉडी हासिल करने के लिए उन्हें रिश्वत देनी पड़ी थी। उस वक्त उन्हें मेरी फिल्म ‘सारांश’ की अहमियत समझ आई थी कि किस तरह एक आम आदमी अपनों की बॉडी हासिल करने के लिए भी स्ट्रगल करता है।’
1990 में हो गया था 20 साल के बेटे का निधन
बताते चलें कि जगजीत सिंह और चित्रा सिंह के एकलौते बेटे विवेक का 1990 में लंदन में हुए एक कार एक्सीडेंट में निधन हो गया था। वो सिर्फ 20 साल के थे। इस ट्रेजेडी के बाद जहां जगजीत ने सिंगिंग से ब्रेक ले लिया था, वहीं उनकी वाइफ चित्रा ने गाना ही छाेड़ दिया था।
बात करें फिल्म सारांश की तो इसमें अनुपम खेर ने करप्शन से लड़ते एक 60 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया था। हैरानी की बात यह थी कि उस वक्त अनुपम की एज मात्र 28 साल थी। बाद में अनुपम और भट्ट ने ‘दिल है कि मानता नहीं’ और ‘डैडी’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया था।