सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: अमित सियाल स्टारर फिल्म तिकड़म 23 अगस्त को जियो सिनेमा पर स्ट्रीम की गई है। इस फिल्म का डायरेक्शन विवेक अंचालिया ने किया है। यह उनके डायरेक्शन में बनी पहली फिल्म है।
अमित सियाल ने इस फिल्म से जुड़े एक्सपीरियंस दैनिक भास्कर के साथ साझा किए। उन्होंने कहा है कि इस फिल्म में प्रवासी मजदूरों की जिंदगी को बहुत ही खूबसूरत तरीके से दिखाया गया है।
अमित सियाल ने यह भी बताया कि इस फिल्म की शूटिंग उन्होंने नैनीताल के पास के एक गांव में की थी, जहां पूरी टीम 30-40 दिन रुकी थी।
इस फिल्म में अमित ने सबसे ज्यादा स्क्रीन स्पेस बच्चों के साथ शेयर किया है। इस पर उनका कहना है कि शूटिंग के दौरान बच्चों के साथ काम करना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं था। हालांकि एक्टर्स को बच्चों के हिसाब से ही एक्ट करना पड़ता है।
अमित सियाल के साथ बातचीत का सिलसिला शुरू करते हैं….
सवाल- आपके लिए फिल्म तिकड़म कितनी मायने रखती है?
जवाब- इस तरह की फिल्म से जुड़ना बहुत ही महत्वपूर्ण है। फिल्म में ड्रामा के साथ-साथ ग्लोबल वॉर्मिंग जैसे मुद्दे पर भी बात की गई है। फिल्म में प्रवासी मजदूरों की जिंदगी को भी बहुत ही खूबसूरत एंगल के साथ दिखाया गया है। कुल-मिलाजुला कर यह एक फैमिली एंटरटेनर फिल्म है।
इस फिल्म में दर्शकों को मेरा नया किरदार देखने को मिलेगा। मैं लंबे वक्त से इस फिल्म की रिलीज का इंतजार कर रहा था क्योंकि यह बिल्कुल अलग तरह की फिल्म है। मैं इस तरह का किरदार करना भी चाह रहा था।
सवाल- क्या इस फिल्म में काम करना थोड़ा चैलेजिंग रहा?
जवाब- हां, ऐसा कुछ हद तक रहा है। एक कलाकार का यह धर्म होता है कि जो भी स्क्रिप्ट पर लिखा हो, वो उसे ठीक उसी तरह पर्दे पर उतारे। मेरी कोशिश रहती है कि एक्टिंग ऐसी करूं जो पर्दे पर नेचुरल लगे, लेकिन उसके लिए मेहनत पूरी शिद्दत से करनी पड़ती है। यह थ्योरी हर किस्म के किरदार पर लागू होती है।
इस फिल्म की शूटिंग हमने नैनीताल के पास में एक गांव में की है। यहां हम सभी 30-40 दिन रुके थे। इस जगह पर कुछ भी फैंसी नहीं था। सब साथ में रहते थे, खाते थे। एक तरह से हम भी उसी गांव के हो गए थे। वहां पर हमारा सामना एक नई दुनिया से हुआ था और वो दुनिया बहुत सुखदाई थी। यह एक शानदार अनुभव था।