नई दिल्ली । लखीमपुर हिंसा की घटना तथा बारह सदस्यों के निलंबन का फैसला वापस लेने की मांग पर को लेकर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा तथा राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब आधे घंटे बाद अपराह्न दो तथा 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह बैठक शुरू होने पर राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा सहित कुछ अन्य नेताओं ने कोई मुद्दा उठाना चाहा।

इसी दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों ने लखीमपुर खीरी हिंसा और इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट का मुद्दा भी उठाने की कोशिश की। नायडू ने कहा कि उन्हें इस संदर्भ में कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव सहित कुछ सदस्यों के नोटिस प्राप्त हुए हैं, जिन्हें उन्होंने अस्वीकार कर दिया है। नायडू ने शून्यकाल शुरू कराया और बीजू जनता दल (बीजद) के सस्मित पात्रा को उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा। इसी बीच, कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कथित अशोभनीय आचरण के लिए शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए बारह सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

सभापति ने सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। इसी बीच, हंगामा कर रहे कुछ विपक्षी सदस्य आसन के निकट आ गए और नारेबाजी करने लगे। सभापति नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अपने स्थानों पर लौटने तथा सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करने की अपील की। अपनी अपील का कोई असर नहीं होते देख नायडू ने 11 बज कर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।