सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: पंडित जवाहरलाल नेहरू और श्रीमती इंदिरा गांधी के जमाने से कहा जाता रहा है कि देश की सरकार तो उत्तर प्रदेश ही तय करता है। सही भी है। सारे प्रदेशों से ज़्यादा वोटर वहाँ रहे हैं। सारे प्रदेशों से ज़्यादा लोकसभा सीटें भी वहीं रही हैं।

लेकिन नेहरू जी के जमाने से अब तक गंगा में बहुत कुछ पानी बह चुका है और जमाना भी कहाँ से कहाँ जा चुका, बस एक बात जो नहीं बदली, वो ये है कि केंद्र की सत्ता का दारोमदार अब भी उत्तरप्रदेश पर ही है।

अगर इस लोकसभा चुनाव में भाजपा उत्तर प्रदेश में 33 सीटों पर नहीं सिमटती तो केंद्र का जलवा कुछ और ही होता! तो क्या इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ज़िम्मेदार हैं। या उनके विरोधी कहे जाने वाले केशव प्रसाद मौर्य ज़िम्मेदार हैं?