सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारत ने इजराइल- हमास संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र( UN) में फिलिस्तीन के टू स्टेट सॉल्यूशन की मांग का समर्थन किया है। UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा “भारत इजराइल और फिलिस्तीन के बीच टू स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फिलिस्तीन के लोग अपने देश में सुरक्षित रह सकें।”

कंबोज ने हमास के 7 अक्टूबर को इजराइल पर किए गए हमलों की निंदा भी की और बंधकों की जल्द से जल्द रिहाई की मांग की है। हमास के हमलों पर बोलते हुए कंबोज ने कहा है ‘आतंकवाद को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता। भारत हमेशा से आतंकवाद का विरोध करता है और करता रहेगा।

उन्होंने कहा, ‘हम सभी बंधकों की रिहाई की मांग करते हैं। कंबोज ने इजराइल और हमास दोनों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवीय कानूनों का पालन करने को कहा।’

इससे पहले हमास के नेता भी कह चुके है कि अगर फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता मिलती है। तो हमास हथियार डाल देगा।

फिलिस्तीन की परमानेंट मेंबरशिप पर पुनर्विचार की मांग

भारत ने UN में फिलिस्तीन की परमानेंट मेंबरशिप का समर्थन किया है। भारत की ओर से रुचिका कंबोज ने कहा, ” मौजूदा परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत उम्मीद करता है कि सही समय पर UN की परमानेंट मेंबरशिप के आवेदन पर पुनर्विचार किया जाएगा और UN का सदस्य बनने में फिलिस्तीन के प्रयासों को समर्थन मिलेगा।”

18 अप्रैल को UN की सिक्योरिटी काउंसिल में फिलिस्तीन की परमानेंट मेंबरशिप को लेकर प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव को 12 सदस्य देशों का समर्थन भी मिला था। लेकिन अमेरिका के वीटो के कारण यह प्रस्ताव UN से पास नहीं हो सका था। अगर प्रस्ताव UNSC में पास हो जाता है, तो उसे वोटिंग के लिए UN में भेजा जाता ।

फिलिस्तीन को मानवीय सहायता देता रहेगा भारत

भारत ने गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने पर जोर देने की भी बात कही है। कंबोज ने कहा है कि गाजा में स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए लोगों की सहायता करना जरूरी है। भारत फिलिस्तीन में सहायता प्रदान करता रहेगा। और बाकि देशों से भी मानवीय मदद बढ़ाने का आग्रह करता है। भारत ने कहा है कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का स्वागत करते हैं।

टू स्टेट सॉल्यूशन क्या है ?

इस सॉल्यूशन की बात सबसे पहले 1991 में मैड्रिड शांति सम्मेलन में उठी थी। फिलिस्तीनी कई सालों से इसकी मांग करते आए है। फिलिस्तिनयों का का कहना है कि उन्हें 1967 में हुई इजराइल- अरब वॉर से पहले का इलाका मिले। जहां वो एक स्वतंत्र फिलिस्तीन देश की स्थापना करें, जिस पर इजराइल का कोई अधिकार न हो।

दरअसल , 1967 में अरब देशों और इजराइल के बीच जंग हुई थी। इजराइल ने पूरे फिलिस्तीन को अपने कब्जे में ले लिया था। इजराइल नहीं चाहता कि फिर से एक फिलिस्तीन देश की स्थापना हो। इसी के चलते इजराइल टू स्टेट सॉल्यूशन का विरोध करते आया है। इजराइल को यह भी डर है कि फिलिस्तीन के स्वतंत्र देश बनने से इजराइल पर हमले बढ़ सकते हैं।

वहीं , भारत हमेशा से फिलिस्तीन के स्वतंत्र देश बनने की मांग का समर्थन करता आया है। इतनी ही नहीं भारत पहला देश था, जिसने फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी।