सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह को सुप्रीम कोर्ट के बाद हाई कोर्ट की डिविजन बेंच से भी बड़ी राहत मिल गई है। तहसीलदार द्वारा जमीन का नामांतरण निरस्त किए जाने के फैसले को जमीन मालिक गुलाब ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने विगत गुरुवार को आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।
वहीं इंदौर खंडपीठ की सिंगल बेंच ने कलेक्टर को अवमानना का दोषी मानते हुए सजा के प्रश्न पर सुनना तय किया। इस आदेश के खिलाफ कलेक्टर ने डिविजन बेंच में अवमानना अपील दायर की थी। उनकी तरफ से अधिवक्ता वैभव भागवत ने पैरवी की थी। डिविजन बेंच ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
डिविजन बेंच ने फैसला जारी करते हुए सिंगल बेंच में चल रही अवमानना याचिका को निरस्त कर दिया। प्रशासनिक जज एसए धर्माधिकारी, जस्टिस गजेंद्र सिंह की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी। कलेक्टर की ओर से दलील दी गई कि जिस अवमानना के लिए दोषी माना जा रहा है, उसमें कलेक्टर को पक्षकार नहीं बनाया गया था। बगैर नाम के ही दोषी करार दिया, जो पूरी तरह गलत है।