सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि ने मंगलवार को कहा कि जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं, वे अपनी मातृभाषा खो देते हैं। केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करें।
इस बयान के बाद राज्य में सत्तारूढ़ DMK और बीजेपी के बीच केंद्र की ट्राई लैंग्वेज नीति और हिंदी को थोपने को लेकर बहस तेज हो गई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले हफ्ते वाराणसी के एक कार्यक्रम में तमिलनाडु की राज्य सरकार पर राजनीतिक हितों को साधने का आरोप लगाया है।
ट्राई लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर साउथ के राज्यों और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से विवाद बना रहा है। 2019 में न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के बाद विवाद और बढ़ गई है। नई शिक्षा नीति के तहत हर राज्य के छात्रों को तीन भाषा सीखनी होगी, जिनमें से एक हिंदी होगी।
तमिलनाडु में हमेशा से दो भाषा नीति रही है। यहां के स्कूलों में तमिल और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है। 1930-60 के बीच यहां भाषा को लेकर कई आंदोलन हुए हैं।
उदयनिधि बोले- हम आपसे भीख नहीं मांग रहे हैं
चेन्नई में डीएमके के नेतृत्व वाली रैली में उदयनिधि स्टालिन ने कहा- ” धर्मेंद्र प्रधान ने हमें खुलेआम धमकी दी है कि फंड तभी जारी किया जाएगा जब हम तीन-भाषा फॉर्मूला स्वीकार करेंगे। लेकिन हम आपसे भीख नहीं मांग रहे हैं।
उदयनिधी ने भाजपा को कहा “यह द्रविड़ और पेरियार की भूमि है। पिछली बार जब आपने तमिल लोगों के अधिकारों को छीनने की कोशिश की थी तो हम लोगों ने ‘गो बैक मोदी’ शुरू कर दिया था। यदि आप फिर से कोशिश करते हैं, तो इस बार आवाज होगी ‘बाहर निकलो मोदी। आपको वापस भेजने के लिए आंदोलन किया जाएगा।
डिप्टी सीएम ने ट्राई लैंग्वेज के फार्मूले पर कहा- धर्मेंद्र प्रधान पूछते हैं कि केवल तमिलनाडु ही इसका विरोध क्यों कर रहा है। बाकी सभी राज्यों ने इसे स्वीकार कर लिया है?
वे जवाब में कहते है- जिन राज्यों हिंदी को स्वीकार किया है, वे अपनी मातृभाषाओं को खोने के कगार पर हैं। जिसमें भोजपुरी, हरियाणवी शामिल है।
भाजपा नेता बोले- DMK राजनीति कर रही है
केंद्र सरकार में मंत्री एल. मुरुगन ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने केंद्र अनुदान के लिए कोई शर्त नहीं रखी है। इस मुद्दे पर DMK राजनीति कर रही है।
2026 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ट्राई लैंग्वेज को बढ़ावा देगी
इस बीच बीजेपी ने राज्य में ट्राई लैंग्वेज को बढ़ावा देने की मुहिम तेज कर दी है। बीजेपी ने अगले साल होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में को लेकर 1 मार्च से अभियान शुरू करने की तैयारी में है।
नई अभियान की शुरुआत 2026 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई के देखरेख में होगा। उन्होंने DMK पर 1960 की पुरानी नीति पर अड़े रहने का आरोप लगाया है।
बीजेपी का यह कदम तमिलनाडु में राजनीतिक परिदृश्य में पैर जमाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी ने अब तक हुए चुनाव में कामयाबी नहीं मिली है।
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2016 में राज्य के सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई। वहीं 2021 के विधानसभा चुनाव में 20 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें 4 सीटों पर जीतने में कामयाब रही। हालांकि 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में कोई खाता नहीं खुल पाया।
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