सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल  /नई दिल्ली: अबू धाबी में शिक्षकों और वैश्विक नेताओं का सम्मेलन: शिक्षा में नवाचार और समावेशिता पर जोर

हाल ही में SEAMEI टीचिंग एंड लर्निंग कॉन्फ्रेंस 2025 अबू धाबी में आयोजित हुआ, जिसमें Nord Anglia Education Schools के 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शिक्षक और नेता एक साथ आए। तीन दिनों तक चले इस सम्मेलन में शिक्षा जगत के प्रतिष्ठित विचारकों ने नेतृत्व, दृढ़ता, नवाचार और समावेशिता जैसे विषयों पर गहन चर्चा की।

Oakridge International School, गाचीबोवली के शिक्षक भी इस सम्मेलन का हिस्सा बने, जहाँ उन्होंने बेहतरीन शिक्षण पद्धतियों को साझा किया और अन्य शिक्षकों से नए दृष्टिकोण सीखे।

व्यावसायिक विकास और सहयोगात्मक शिक्षण पर जोर

इस सम्मेलन में व्यावसायिक विकास, सहयोगात्मक शिक्षण और छात्रों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने की रणनीतियों पर केंद्रित सत्र आयोजित किए गए।

Oakridge, गाचीबोवली की ग्रेड 1 को-ऑर्डिनेटर प्रेरणा लोहिया ने कहा:

“यह सम्मेलन हमें यह समझने का अवसर प्रदान करता है कि हम एक प्रतिभाशाली शिक्षकों की टीम हैं, जो शिक्षा को अधिक अर्थपूर्ण और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर नई तकनीकों और तरीकों का निर्माण कर रहे हैं। इस मंच पर हमें संस्कृति के विभिन्न दृष्टिकोणों, शिक्षण की श्रेष्ठ पद्धतियों और अंतरराष्ट्रीय शिक्षण चुनौतियों को साझा करने का अवसर मिला, जिससे सहयोग की शक्ति और अधिक मजबूत हुई।”

शिक्षा में नवाचार और व्यावसायिक विकास

सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का शिक्षा में उपयोग, न्यूरोडाइवर्सिटी और मेटाकॉग्निशन पर शोध जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई। मेटाकॉग्निशन एक ऐसी अवधारणा है, जो छात्रों को स्वतंत्र और आत्मनिर्देशित सीखने में मदद करती है। विशेषज्ञों ने बताया कि शिक्षा में मेटाकॉग्निटिव रणनीतियों को लागू करने से छात्रों की समस्या-समाधान क्षमता और आलोचनात्मक सोच में सुधार किया जा सकता है।

Nord Anglia के मिडिल ईस्ट स्कूल प्रमुख रॉब वॉल्स ने इन चर्चाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा:

“कक्षा में मेटाकॉग्निटिव रणनीतियों को शामिल करके, हम छात्रों को स्वतंत्र और आत्मनिर्देशित शिक्षार्थी बनने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद करते हैं। हम Nord Anglia के शैक्षिक ढांचे के माध्यम से 6 Cs (Critical Thinking, Creativity, Commitment, Curiosity, Collaboration, Compassion) पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ताकि छात्र नवोन्मेषी, रचनात्मक, समर्पित और जिज्ञासु शिक्षार्थी बनें, जो कक्षा के अंदर और बाहर समान रूप से सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाएँ।”

यह सम्मेलन शिक्षा के बदलते परिदृश्य में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।

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