सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: प्रदेश में चल रही लू ( हीट वेव ) से बचने के उपायों को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल द्वारा अन्तर एजेंसी ग्रुप , यूनिसेफ और विभिन्न स्टेकहोल्डर के मध्य कार्यशाला का आयोजन किया गया था इस अवसर अपने सम्बोधन में यूनिसेफ के श्री प्रशांत कुमार ने पानी की जरूरत को विस्तार से बताते हुए प्यास स्वयं एक लक्षण है। उन्होंने कहा कि कितना पानी पीना चाहिए? यह ग्रहण करने की क्षमता पर निर्भर करता है। आउटडोर में काम करने पर हर पंद्रह मिनट में पानी की आवश्यकता पड़ती है। यूरिन पास करने से स्वयं ही डि-हाइड्रेशन होता है। प्यास लगने पर तुरंत पानी पीना चाहिए। यह स्वयं एक पहचान हैं शरीर में पानी की कमी का। उन्होंने कहा कि वैसे तो दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचना चाहिए। बाहर जाने की स्थिति में लाइट और लूज कपडे पहनना चाहिए ।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग भोपाल के वैज्ञानिक श्री दिव्या सुरेन्द्रन ने बताया कि प्रदेश में लू (हीट वेव ) चल रही है जो 31 मई तक जारी रहने की आशंका है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों की तुलना में इस वर्ष 1 से 3 डिग्री तक तापमान बढ़ा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप निदेशक राजेश सिसोदिया, ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों में ओ आर इस की व्यवस्था कराई गयी है। उन्होंने बताया कि लू की स्थिति में उपचार के लिए कई स्तर पर तैयारियां रखी गयी है। जैसे बच्चों, महिलाओं, गायनी, ओपीडी आदि के लिए पृथक से डाक्टर की व्यवस्था की गयी है ।
यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यूनिसेफ द्वारा बच्चों, महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए लू से बचाव और उपचार के लिए विशेष प्रयास किये गए हैं. उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में कहा कि यूनिसेफ द्वारा विशेष पोस्टर जारी किये गए हैं। जिसमें बच्चे, और महिलाएं भीषण गर्मी में सावधानियां बरत सकते है और उनके परिजन लू से बचाव और उपचार के लिए जरूरी प्रयास कर सकते हैं ।
पत्र सूचना कार्यालय भोपाल के अपर महानिदेशक प्रशांत पाठराबे ने कहा की केंद्र सरकार द्वारा लू से बचाव के लिए सभी विभागों को एडवाइजरी की है। लू से बचाव के लिए नियमित रूप से पानी पीते रहना चाहिये। कार्यक्रम में अन्य कई अधिकारियों ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।