सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एफबीआई निदेशक काश पटेल को अल्कोहल, तंबाकू, आग्नेयास्त्र और विस्फोटक ब्यूरो (एटीएफ) के कार्यवाहक निदेशक के पद से हटा दिया है। उनकी जगह सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल को नियुक्त किया है। यह स्पष्ट नहीं है कि पटेल को एटीएफ के कार्यवाहक प्रमुख के पद से कब हटाया गया। बुधवार तक, पटेल की तस्वीर और पद को एटीएफ की वेबसाइट से नहीं हटाया गया।

अमेरिका की प्रमुख न्यूज वेबसाइट ‘द हिल’ की खबर में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि ड्रिस्कॉलको एटीएफ का नया कार्यवाहक निदेशक नियुक्त किया गया है। वह सेना के सचिव बने रहेंगे। उल्लेखनीय है कि फरवरी के अंत में पटेल को न्याय विभाग (डीओजे) के भीतर एक घरेलू कानून प्रवर्तन एजेंसी एटीएफ के कार्यवाहक निदेशक के रूप में नामित किया गया था। एफबीआई की कमान संभालने के तुरंत बाद उन्हें शपथ दिलाई गई थी। इस बदलाव पर एफबीआई ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

एटीएफ विस्फोटक, आग्नेयास्त्रों और आगजनी के साथ-साथ तंबाकू और शराब की अवैध तस्करी से जुड़े संघीय अपराधों की जांच करता है और उन्हें रोकने का प्रयास करता है। पिछले महीने, 14 डेमोक्रेट्स के एक समूह ने चार मार्च को लिखे एक पत्र में ट्रंप से पटेल को एटीएफ के कार्यवाहक निदेशक के पद से हटाने का आह्वान किया था। सांसदों, हाउस गन वायलेंस प्रिवेंशन टास्क फोर्स के सदस्यों ने कहा कि यह ”अविश्वसनीय है कि अपराध से लड़ने, सामूहिक गोलीबारी का जवाब देने या घरेलू आतंकवाद का सामना करने का अनुभव न रखने वाले किसी व्यक्ति को एटीएफ के कार्यवाहक निदेशक के रूप में नामित किया गया है।”

एटीएफ के पिछले निदेशक स्टीव डेटलबैक ने जनवरी में इस्तीफा दिया था। डेटलबैक 2015 के बाद से एजेंसी के पहले स्थायी प्रमुख थे। ड्रिस्कॉल को पिछले साल दिसंबर में ट्रंप ने सेना का नेतृत्व करने के लिए चुना था। फरवरी के अंत में उनकी सेना सचिव के रूप में पुष्टि की गई थी। ड्रिस्कॉल ने साढ़े तीन साल तक सेना में सेवा की। 2009 में उन्हें इराक में तैनात किया गया था। ड्रिस्कॉल ने येल लॉ स्कूल में पढ़ाई की। यहीं उनकी मुलाकात उपराष्ट्रपति वेंस से हुई थे।

महत्वपूर्ण यह है कि पिछले तीन माह में ट्रंप नौ से ज्यादा सैन्य अधिकारियों की छुट्टी कर चुके हैं। काश पटेल को पद से ऐसे समय में हटाया गया है. जब अमेरिकी न्याय विभाग ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन और अल्कोहल, तंबाकू, आग्नेयास्त्र और विस्फोटक ब्यूरो संभावित विलय पर विचार कर रहा है। दोनों का विलय खर्चा कम करने के लिए किया जा सकता है। ऐसे में पटेल की छुट्टी कई तरह के सवाल खड़े कर रही है।

काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है। काश पटेल का परिवार मूल रूप से वडोदरा का रहने वाला है। काश के माता-पिता युगांडा में रहते थे। 1970 के दशक में वो अमेरिका आए। काश का जन्म गार्डन सिटी, न्यूयॉर्क में हुआ है। उनके पास पेस यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री है। नौ साल तक वकील के रूप में प्रैक्टिस करने के बाद वे अमेरिकी न्याय विभाग में शामिल हुए। साल 2017 में उन्हें इंटेलिजेंस पर हाउस पार्लियामेंट्री सेलेक्ट कमेटी का सदस्य बनाया गया। काश पटेल रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े रहे हैं और उन्हें ट्रंप का करीबी माना जाता है।

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