हैदराबाद । देश में भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों की एकजटता के प्रयासों को उस समय झटका लगा जब तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले गैर-कांग्रेसी और गैर-बीजेपी पार्टियों का राजनीतिक मोर्चा बनाने के पक्ष में नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि फिलहाल मोर्चे के बजाय देश को टीआरएस की तर्ज पर एक वैकल्पिक एजेंडे की जरूरत है। पार्टी के 21वें स्थापना दिवस की बैठक को संबोधित करते हुए केसीआर ने कहा कि ‘वाम दलों ने हाल ही में उनसे मुलाकात की थी और केंद्र से भाजपा को हटाने के लिए एकजुट प्रयास करने का सुझाव दिया था। मैंने उनसे स्पष्ट रूप से कहा कि प्रधानमंत्री को हटाने या बनाने का विचार गलत था। अंततः लोकतंत्र की जीत होनी चाहिए।’

उल्लेखनीय है कि उनका यह बयान भाजपा के खिलाफ पिछले कुछ महीनों की उनकी लगातार बयानबाजी से बहुत अलग है। उन्होंने बीते 11 अप्रैल को दिल्ली में धरना दिया था और पीएम नरेंद्र मोदी से कहा था कि वे किसानों की भावनाओं से न खेलें वरना लोग उनकी सरकार गिरा देंगे। हालांकि, बुधवार को अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि देश को तत्काल एक वैकल्पिक एजेंडे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘टीआरएस एक क्षेत्रीय पार्टी है, इसलिए उन्हें टीआरएस को एक राष्ट्रीय पार्टी में बदलने के सुझाव भी आए थे।

साथ ही टीआरएस का नाम बदलकर ‘भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) रखने के सुझाव भी मिले थे।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हैदराबाद से देश की दिशा बदल सकती है, तो यह तेलंगाना के लोगों के लिए गर्व का क्षण होगा। यह स्पष्ट करते हुए कि टीआरएस वैकल्पिक एजेंडा तैयार करने और देश को नई दिशा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, केसीआर ने कहा कि वैकल्पिक ताकत जल्द ही उभरेगी और एक राजनीतिक तूफान पैदा करेगी।’