लंदन । बड़ी संख्या में लोग सुई के डर से वैक्सीन लगवाने में परहेज करते रहे हैं। अब वह दिन दूर नहीं जब लोगों को वैक्सीन की सुरक्षा पाने के लिए सुई के डर से नहीं जूझना होगा। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सुई रहित, वायु चालित टीके का क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है। इससे कोविड के भविष्य के स्वरूपों से निपटने में मदद मिलेगी।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जोनाथन हेनी और डीआईओसायनवैक्स कंपनी ने यह डीआईओएसवैक्स प्रौद्योगिकी विकसित की है। हवा के दबाव के जरिए इसकी खुराक त्वचा में प्रवेश कराई जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो सूई लगवाने से डरने वाले लोगों के लिए यह भविष्य में एक विकल्प हो सकता है। इसका निर्माण चूर्ण के रूप में किया जा सकता है जिससे वैश्विक टीकाकरण प्रयासों को , खासकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बढ़ावा मिलेगा।

़हेनी ने कहा यह महत्वपूर्ण है कि हम नई पीढ़ी के टीके विकसित करना जारी रखे हुए हैं जो वायरस के अगले स्वरूपों से सुरक्षित रखेगा। उन्होंने कहा हमारा टीका इनोवेटिव है। यह हमारे द्वारा विकसित किए जा रहे एक यूनिवर्सल कोरोना वायरस टीके की दिशा में पहला कदम है। और हमें न सिर्फ कोविड-19 के स्वरूपों से बल्कि भविष्य के कोरोना वायरस से भी बचाएगा। यह टीका इस हफ्ते प्रथम स्वयंसेवी को लगाया जाएगा। सुई मुक्त टीके के परीक्षण के लिए इनोवेट यूके ने यूके रिसर्च एंड इनवेंशन नेटवर्क के तहत कोष उपलब्ध कराया है।