सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : बांग्लादेश में पिछले कुछ वक्त से हिंदुओं के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते दो दिन शुक्रवार और गुरुवार को भी बांग्लादेश में तीन मंदिरों को निशाना बनाया गया। हमलावरों ने इन मंदिरों पर हमला कर कई मूर्तियों को खंडित कर दिया।

बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में हलुआघाट पुलिस ने बताया कि हमलावरों ने शुक्रवार सुबह शाकुई संघ में बोंडेरपारा मंदिरों पर हमला कर दो मूर्तियों को खंडित कर दिया। इस घटना में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है।

वहीं गुरुवार सुबह हलुआघाट में ही पोलाशकंडा काली मंदिर में पर हमला कर मूर्ति को खंडित कर दिया गया। पुलिस ने इस मामले में 27 साल के एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है।

बता दें कि भारत सरकार के अनुसार इस साल 8 दिसंबर तक बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 2200 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए हैं।

मंगलवार को बीरगंज में काली मंदिर पर हमला

इससे पहले बीरगंज में मंगलवार को झारबारी शासन काली मंदिर में 5 मूर्तियों को खंडित किया गया था। इस घटना पर मंदिर समिति के अध्यक्ष जनार्दन रॉय ने कहा था कि हमने पहले कभी ऐसी कोई घटना नहीं देखी थी।

बांग्लादेश में इस साल तक हिंदुओं के खिलाफ 2200 हमले

भारतीय राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि इस साल 8 दिसंबर तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के 2,200 मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इन मामलों को बांग्लादेश सरकार के सामने उठाया है।

कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि ढाका में भारतीय हाई कमीशन हालात पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा- भारत को उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी। 9 दिसंबर, 2024 को विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बांग्लादेश यात्रा के दौरान भी यही बात दोहराई गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान में इस साल अक्टूबर तक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के 112 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।

बांग्लादेश में लगातार बढ़ रहे हिंदुओं पर हमले बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार गिरने के बाद से भारत विरोधी भावनाओं को बल मिला है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों से जुड़े धार्मिक स्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।

हिंदू नेताओं को धमकियां मिल रही हैं। इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास देशद्रोह के आरोप में 25 नवंबर से पुलिस हिरासत में हैं।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को फासीवादी बता चुकी हैं। उन्होंने 15 दिसंबर को बांग्लादेश विजय दिवस से एक दिन पहले जारी बयान में कहा था कि मोहम्मद यूनुस एक फासीवादी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। ये सरकार आजादी विरोधी और कट्टरपंथियों की समर्थक है।

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