इस्लामाबाद । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के वित्तीय सलाहकार शौकत तरीन के एक बयान से विवाद पैदा हो गया है। तरीन ने कहा है कि इस समय पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। मुल्क में जो लोग इनकम टैक्स और जीएसटी नहीं देंगे, उनको मतदान का अधिकार भी नहीं दिया जाएगा।

शौकत पिछले माह तक मुल्क के वित्त मंत्री थे, लेकिन वह सीनेट के लिए नहीं चुने जा सके, तो उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा।

फिर इमरान खान ने उन्हें रातों-रात अपना फाइनेंस एडवाइजर बना दिया। शौकत तरीन ने इस्लामाबाद में कामयाब जवान कार्यक्रम में कारोबारियों को आगाह करते हुए कहा- पाकिस्तान के तमाम कारोबारियों से मैं एक बात जोर देकर कहना चाहता हूं। हर बिजनेसमैन को टैक्स तो देना ही होगा। अगर वे टैक्स नहीं देंगे, तो फिर उन्हें मतदान का अधिकार भी नहीं मिलेगा। इनकम टैक्स और जीएसटी देंगे तो बाकी टैक्स में कटौती की जी सकती है।

उन्होंने कहा लोगों से उम्मीद है कि टैक्स के भुगतान के लिए हमें लोगों से भीख मांगने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। वित्तीय सलाहकार तरीन ने देश को आगे ले जाने के लिए कृषि, लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) और आईटी क्षेत्र को पूरी तरह से समर्थन देने का आश्वासन देते हुए कहा कि एसएमई और आईटी क्षेत्र से जुड़े लोगों को मनी ऑफर करने के लिए एक फंड की स्थापना की जाएगी। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस वक्त बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है।

पिछले महीने तक शौकत तरीन मुल्क के वित्त मंत्री थे। उनके भाई जहांगीर तरीन पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हैं। शौकत एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल लेकर पिछले महीने न्यूयॉर्क गए थे। वहां उनकी आईएमएफ बोर्ड से 11 दिन तक बातचीत चली। इसके बावजूद वह पाकिस्तान को 6.5 बिलियन डॉलर का पैकेज तो छोड़िए, इसकी पहली किस्त तक नहीं दिला पाए। इसके बाद सीनेट का चुनाव हारे तो फाइनेंस मिनिस्टर की कुर्सी भी चली गई।

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में पाकिस्‍तान पर 39,900,000 करोड़ का सरकारी कर्ज दिखाया गया है। इसमें इमरान के शासन के तीन वर्षों के दौरान 14,900,000 करोड़ रुपए का कर्ज बढ़ गया है। स्‍थानीय मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि इमरान सरकार द्वारा लिया गया यह कर्ज पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के 10 वर्षों के शासनकाल में उठाए गए कर्ज के 80 फीसदी के बराबर है। उल्लेखनीय है कि इमरान खान 2018 में सत्ता में आए थे। तब से लेकर अब तक वह चार वित्त मंत्री बदल चुके हैं। यह चारों ही उनके करीबी दोस्त रहे हैं। शौकत तरीन और उनके भाई जहांगीर तरीन पर भ्रष्टाचार के गभीर आरोप हैं। हाल ही में पाकिस्तान में कुछ लोगों के नाम पैंडोरा पेपर्स में सामने आए थे। इनमें शौकत और उनके भाई जहांगीर का नाम भी था।