ग्वालियर में सोशल मीडिया पर एक CCTV फुटेज वायरल हो रहा है। इसमें वाहन चोर एक घर के बाहर खड़ी एक्टिवा का लॉक तोड़ता है। सिर्फ 3 सेकंड में वह लॉक तोड़ देता है। जैसे ही चोर गाड़ी लेकर निकलने वाला होता है तो वाहन मालिक आ जाता है। उसे देखकर चोर गाड़ी वहीं छोड़कर भागता है। वाहन मालिक भी उसका पीछा करता है। जिस पर वह आगे खड़े अपने बाइक सवार साथी के साथ वाहन पर सवार होकर भाग जाता है।
पर इस दौरान वाहन चोर के चेहरे पर डर दिखता है। घटना डीडीवाना ओली लश्कर की है। घटना स्थल से 200 मीटर की दूसरी पर दो पॉइंट पर पुलिस चैकिंग कर रही थी। पूरी घटना CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हुई है। अब यह फुटेज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।
शहर के डीडवाना ओली निवासी ओम अग्रवाल लॉ स्टूडेंट है और उनके पिता
कारोबारी है। डीडवाना ओली में ही उनकी शॉप है। शाम को ओम, बाजार से घूमकर
घर आया और एक्टिवा को दरवाजे पर खड़ी अंदर चला गया। कुछ ही देर बाद उसकी
नजर अंदर CCTV कैमरे की स्क्रीन पर पड़ी। उसने देखा कि एक बाइक से दो युवक
आए। दोनों युवक उसे संदिग्ध दिखे और उसने उनकी निगरानी की तो एक युवक बाइक
पर बैठा रहा तो दूसरा उसकी एक्टिवा के पास आया और लॉक तोडऩा शुरू कर दिया।
बदमाश को एक्टिवा का लॉक तोड़ते देखकर ओम नीचे भागा और जब वह नीचे पहुंचा
बदमाश उसकी एक्टिवा का लॉक तोड़कर स्टॉर्ट कर चुका था। उसे दौड़कर आते
देखकर बदमाश एक्टिवा को छोड़कर अपने साथी के पास पहुंचा और भाग निकला।
कमर पर लगा दिखा कट्टा
छात्र
ने बदमाशों को पकड़ने का प्रयास किया तो उसकी नजर बदमाश की कमर पर लगे
कट्टे पर पड़ी तो वह घबरा गया और इसी बीच बदमाश भाग निकले। छात्र का कहना
है कि यदि वह बदमाशों के और करीब जाता तो वह फायर भी कर सकते थे।
बदमाशों के चेहरे खुले हुए थे
-
बदमाशों के चेहरे खुले हुए थे ऐसा छात्र ने पुलिस को बताया है। छात्र का
कहना है कि बाइक चला रहा बदमाश हेलमेट लगाए था, जबकि जो बदमाश लॉक तोड़ रहा
था उसका चेहरा खुला हुआ था और उसके सिर पर साफी बंधी हुई थी। यदि छात्र
एक्टिवा चोरी करने वाले को वापस देखेगा तो पहचान लेगा।
हर दिन चार से पांच वाहन हो रहे चोरी
शहर
में कई वाहन चोर गिरोह सक्रिय हैं जो हर दिन चार से पांच वाहन चोरी कर रहे
हैं। उनके टारगेट पर बाजार, कोचिंग सेंटर व पॉश कॉलोनियां रहती हैं। पुलिस
भी करीब आधा सैकड़ा स्थानों पर वाहनों की चेकिंग करती है। लेकिन यह चोर
पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ते हैं, क्योंकि पुलिस का ध्यान सिर्फ चालानी
कार्रवाई पर रहता है।