भोपाल । लाख प्रयासों के बावजूद प्रदेश में सड़क हादसों में कोई कमी नहीं आ रही है। सडक हादसों का ‎‎शि‎कार होकर असमय जान और माल से हाथ धोना पड रहा है। वर्ष 2020 और 2021 के जनवरी से मार्च तक के तुलनात्मक तीन महीनों में सड़क हादसे और मरने वालों की संख्या बढ़ी है। जिन जिलों में मरने वालों की संख्या बढ़ी है, उनमें राजगढ़, बैतूल, रायसेन, ग्वालियर, धार सहित अन्य जिले शामिल हैं। कुछ जिलों में राहत भी रही है। मरने वालों की संख्या के मामले में भोपाल में 18 तो इंदौर में दो फीसद से अधिक की कमी आई है। पुलिस मुख्यालय की ओर से सड़क हादसों में कमी लाने के लिए और अधिक प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं। मालूम हो, सड़क हादसों में कमी लाने के लिए पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की ओर से लगातार ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्पीड रडार गन भी जिलों को उपलब्ध करा दी गई है। हाल ही में पुलिस महकमे की ओर से जनवरी से मार्च माह तक के सड़क हादसों को लेकर वर्ष 2020 और वर्ष 2021 का तुलनात्मक अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि प्रदेश के 33 जिलों में बीते वर्ष की तुलना में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़ी है। यह संख्या 74 फीसद से लेकर एक फीसद तक है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में सड़क हादसों में 5.2 फीसद की बढ़ोतरी हुई है तो मरने वालों की संख्या में 14.8 फीसद की वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 के तीन माह में 2847 लोगों की मौत हुई थी तो वर्ष 2021 में 3269 लोगों की जान गई। जिन जिलों में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़ी है, उनमें मंदसौर में 83, डिंडौरी में 78, अनुपपूर में 74, सिवनी में 58, ग्वालियर में 55, टीकमगढ़ में 54, रतलाम में 54, बड़वानी में 53, शहडोल में 51, रायसेन में 51, उज्जैन में 46, राजगढ़ में 45, मंडला में 34 तो बुरहानपुर में 26 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे हादसों में कमी के मामले में श्योपुर सबसे आगे है। यहां मरने वालों की संख्या में 40 फीसद की कमी रही है।वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी जिलों को ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से हादसों को रोकने की जानकारी दी जा रही है। साथ ही हादसे में घायलों की देखरेख के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है ताकि मरने वालों की संख्या कम की जा सके।